अब कोई नहीं कर पायेगा सुसाइड, बचाएगी ये खास चीज…

कोटा के हॉस्टल्स के कमरों की दीवारें कई पढ़ने वाले बच्चों की दुखद कहानियां बयान करती हैं। पिछले छह सालों के आंकड़े देखें तो 60 से अधिक छात्रों ने कैंपस में आत्महत्या की है।

अब कोई नहीं कर पायेगा सुसाइड

इस बात पर ध्यान दिया जाए तो यहां हर महीने 1 छात्र ने पिछले सालों आत्महत्या कर अपनी ज़िंदगी खत्म कर ली। छात्रों के आत्महत्या को अंजाम देने के ज़रिए तो अलग-अलग थे लेकिन सबसे ज्यादा मौतें पंखे से लटकने से हुई हैं।

शिक्षा संस्थानों ने इस समस्या से निजाद पाने के लिए बहुत जतन किए लेकिन कोई खास रास्ता नहीं ढूंढ पाए। छात्रों की इस समस्या को देखते हुए एक विद्युत अभियंता ने यह जिम्मेदारी ली है।

क्रॉम्प्टन ग्रीव्स के एक सेवानिवृत्त महाप्रबंधक शरद अशानी ने यह बीड़ा उठाया है। उन्होंने ‘एंटी सुसाइड रॉड’ का आविष्कार कर उसे इस भयानक समस्या से लड़ने का हथियार बनाया है।

कीमत भी है कम

शरद के मुताबिक, यह रॉड सुसाइड प्रूफ है, जिसका अर्थ है कि अगर कोई सुसाइड करने के खुद को पंखे से लटका ले, तो यह रॉड उसे ऐसा करने से रोकेगा।

हाल ही में, एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि रॉड्स का पहला जत्था कोटा हॉस्टल में भेजा गया था। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि, इन छड़ों की लागत 250 रुपए जितनी है और या रॉड दोनों नए और पुराने पंखों से जोड़ी जा सकती है।

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जब कोटा हॉस्टल एसोसिएशन को इसके बारे में सूचित किया गया, तो उन्होंने परिसर के लिए 5,000 ऐसी रॉड्स का आर्डर दिया है।

शरद का यह आविष्कार इकलौता नहीं है उन्होंने अब तक ऐसे कई उपकरणों का आविष्कार किया है जिसने लोगों को लाभ पहुंचाया है।

2004 में मॉडल नफीसा जोसेफ की आत्महत्या से प्रभावित शरद, का यह उद्देश्य है कि वे राज्य में पूरे छात्रावासों को कवर का उनकी इस समस्या का समाधान करें।

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