अब आयुर्वेद भी देगा कोरोना वायरस को मात, अपनाएंगा यह तरीका…

कई राज्यों ने थक हार कर आयुर्वेद को अपनाना शुरू कर दिया। अहमदाबाद में पुलिस प्रशासन ने राजस्थान के चुरु शहर से कोविड-19 संक्रमण से निपटने के लिए काढ़ा मंगवाया तो भीलवाड़ा के जिलाधिकारी और राजस्थान सरकार ने भी इसी तरह की पहल शुरू कर दी है।

आयुर्वेद भी देगा कोरोना वायरस को मात

पंजाब, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश में भी अब आयुर्वेदिक काढ़े का जोर चल निकला है। देर से ही सही केंद्र सरकार भी इस रास्ते पर आई है। केंद्रीय आयुष मंत्रालय की पहल पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हस्तक्षेप करते हुए दो अप्रैल को डा. जेएलएन शास्त्री के नेतृत्व एक टास्क फोर्स का गठन किया था।
टास्क फोर्स अब इसके पक्ष में है कि कोविड-19 संक्रमण का ईलाज आयुर्वेद की पद्धति से किया जाए।

डा. जेएलएन शास्त्री ने जानकारी दी कि 20 हजार 55 घंटे काम करके डा. भूषण पटवर्धन समेत अन्य के साथ गाइड लाइन तैयार कर ली गई है। आयुर्वेदिक पद्धति से कोविड-19 के संक्रमण का ईलाज करने का प्रोटोकॉल भी तैयार हो चुका है।
डा. शास्त्री बताते हैं कि इसमें आईसीएमआर, सीएसआर जैसी भारत सरकार की संस्था शामिल है। डा. शास्त्री इसको लेकर हुए विलंब के सवाल पर कहते हैं कि पहले तो आयुर्वेद या आयुष पद्धति से ही छुआछूत किया जा रहा था।

लोग इसे कोविड-19 के संक्रमण के ईलाज से बाहर रख रहे थे। सरकार ने ही टास्क फोर्स बनाने में देर की। दो अप्रैल को इसके बारे में निर्णय लिया गया, इसके बाद युद्ध स्तर पर काम हुआ है। उनका दावा है कि आयुष पद्धति में कोविड-19 संक्रमण का कारगर ईलाज है। इसके प्रयोग से जल्द ही देश में सकारात्मक नतीजे में आएंगे।

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सर्व ज्वरहर चूर्ण की अहमदाबाद को भी है जरूरत
श्री भंवर लाल दूगड़ विश्वभारती रसायनशाला ने सर्व ज्वरहर चूर्ण बनाया है। इसकी राजस्थान और गुजरात के अहमदाबाद में काफी मांग है। चुरु जिले के गांधी विद्या मंदिर, सरदार शहर में स्थित इस रसायनशाला के चूर्ण को राजस्थान आयुर्वेद की मान्यता प्राप्त है।

 

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