अपराधी और पुलिस गठजोड़ : जय बाजपेई के कृपापात्र थे यह 3 पुलिस अफसर, हुए सस्पेंड

यूपी में लगातार बढ़ते अपराध पुलिस और सरकार के इकबाल को लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं। वहीं पूर्व के दिनों में कानपुर के बिकरू कांड ने अपराधी और पुलिस गठजोड़ की जो बानगी पेश की उसने तो पूरे प्रदेश की कानून व्यवस्था को कटघरे में खड़ा कर दिया है। वहीं विकास दुबे कांड से ही जुड़ा अब एक और खुलासा आया है। पूर्व से ही चंद सालों में करोड़पति बने जय बाजपेई की कई कहानियां इन दिनों सुर्खियों का हिस्सा थी और प्रदेश के अधिकारियों से उसकी नजदीकियां किसी से छिपी नहीं थी। लेकिन इसी बीच उसकी पुलिस विभाग में पैठ का एक किस्सा और उजागर हुआ है। दरअसल कानपुर के ही पुलिस विभाग के तीन अधिकारी किस तरह से जय बाजपेई के कृपा पात्र थे वह हालही में हुए खुलासे में हो गया है।

कानपुर के विभिन्न थानों में तैनात तीन उपनिरीक्षकों पर जय बाजपेई की इतनी कृपा थी कि वह ठाठ से उसके एक विवादित मकान में रह रहे थे। अब जब विवादित मकान में खुद ही पुलिसकर्मी रह रहे हों तो भला उस पर कोई कैसे कब्जा पा सकता है। वहीं जब कब्जाए गये मकान में पुलिसकर्मी ही रह रहे हों तो मालिक(जय बाजपेई) भी बेफ्रिक होकर अपराध की कोई और कहानी क्यों न गढ़े। फिलहाल अब जय बाजपेई से जुड़ा यह खुलासा होने के बाद इन तीनों पुलिसकर्मियों को महकमे की छवि धूमिल करने के लिए तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।

आपको बता दें कि नजीराबाद स्थित ब्रह्म नगर में जय वाजपेई का एक मकान है। जिसका विवाद केडीए में लंबित है। जब पुलिस के अधिकारियों को सूचना मिली की उस मकान में कुछ पुलिसकर्मी रह रहे हैं तो वहां नजीराबाद सीओ गीतांजलि सिंह ने छापेमारी की। छापेमारी में खुलासा हुआ कि विवादित मकान में कर्नलगंज में तैनात उपनिरीक्षक राजकुमार, अनवरगंज थान में तैनात उपनिरीक्षक उस्मान अली और रायपुरवा थाने में तैनात उपनिरीक्षक खालिद काफी लंबे समय से बड़े आराम से रह रहे हैं। जिसके बाद उन पर कार्रवाई की गयी।

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