अनंतनाग हमला : चश्मदीद ने सुनाई खौफनाक मंज़र की पूरी दास्तां, इस वजह से बची लोगों की जान
नई दिल्ली। सोमवार रात जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में अमरनाथ यात्रियों की बस पर आतंकियों ने हमला कर दिया. हमले में सात श्रद्धालुओं की मौत हो गई है. दर्जन भर से ज़्यादा श्रद्धालु घायल भी हुए हैं. सभी घायलों को पास के अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है. मृतकों में पांच महिलाएं भी शामिल हैं. हमला रात करीब 8.20 बजे हुआ.
हमले के वक्त बस में मौजूद योगेश प्रजापति ने बताया कि बस के दाहिने तरफ से हमला किया गया और उस तरफ काफी अंधेरा था. प्रजापित ने बताया कि जैसे ही हमला हुआ ड्राइवर ने बस वहां से तेज कर ली और काफी आगे जाकर एक चौक पर बस रोकी.
गुजरात के ‘वलसाड के ओम ट्रैवल्स की बस नंबर GJ09Z9976 2 जुलाई को अमरनाथ यात्रा के लिए रवाना हुई थी. इस बस के मालिक जवाहर देसाई हैं. अमरनाथ के दर्शन करने के बाद लौट रही बस पर हुए हमले में घायल लोगों में उनके बेटे हर्ष देसाई भी शामिल थे.’
महिला ने फेसबुक पर जताई पीड़ा, एसएसपी ने तत्काल की कार्रवाई
हर्ष ने बताया कि हम श्रीनगर से शाम 6:30 बजे चले. हमारी तीन बसें थीं। 30-35 किमी बाद हमारी बस पीछे रह गई. तभी अचानक तीन तरफ से हमारी बस पर अंधाधुंध गोलियां चलने लगीं.
इसके बाद हम डर के मारे सीटों के नीचे छुप गए. सिर्फ चीखने की आवाजें सुनाई दे रही थीं. कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था. तभी दो गोली मुझे चीरती निकल गईं, एक हाथ और दूसरी कंधे पर. लगा आज जिंदगी का आखरी दिन है.
डर के माहौल में यह सब कितनी देर चला पता नहीं. फिर फायरिंग की आवाज थम गई. आर्मी के लोगों ने आकर हमें श्रीनगर अस्पताल में पहुंचाया. मैं और मेरे पिता सलामत हैं.
योगी सरकार का पहला बजट आज, इन बड़ी बातों पर टिकी होंगी सबकी नजरें
सूत्रों के मुताबिक गुजरात की ये बस शाम 5 बजे श्रीनगर से बिना पुलिस सुरक्षा के आगे बढ़ी थी. इसके बाद बस में सवार यात्री शायद श्रीनगर में घूमने लगे और काफिले से अलग हो गए. बताया जा रहा है बस श्राइन बोर्ड में रजिस्टर भी नहीं थी.
हमले के बाद मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती अनंतनाग के अस्पताल पहुंचीं. घायलों से मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि इस घटना से कश्मीर का सिर झुक गया है. दोषियों को छोड़ेंगे नहीं.
सुरक्षा एजेंसियों से मिली जानकारी के मुताबिक ये यात्री दो दिन पहले ही अमरनाथ यात्रा पूरी कर चुके थे. ये लोग पिछले 24 घंटे से से श्रीनगर और आसपास के इलाकों में घूम रहे थे.