अगर योगी सरकार से न होती यह 5 गलतियां तो नहीं होती हाथरस मामले में इतनी फजीहत

यूपी के हाथरस में हुई मानवता को शर्मसार कर देने वाली घटना से देश सिहर उठा है। इस घटना से संपूर्ण देश में हड़कंप मच गया है। उत्तर प्रदेश पुलिस से लेकर उत्तर प्रदेश सरकार तक निशाने पर है। इस घटना को लेकर शुरूआत से ही उत्तर प्रदेश के हाथरस की पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। रिपोर्टस के अनुसार, लोगों का कहना है कि यदि समय रहते पुलिस और प्रशासन स्थितियां नियंत्रित कर लेता तो बात इतनी न बढ़ती। इतना ही नहीं इस मामले में पुलिस और प्रशासन की पांच बड़ी चूक भी सामने आ रही हैं।

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पहली गलती : इस केस में हाथरस पुलिस से पहली चूक यह हुई की इस केस की गंभीरता को ध्यान में न रखते हुए मामूली धाराओं में केस दर्ज करना। मृतक पीड़िता के घरवालों का आरोप है कि पुलिस ने बेटी पर जानलेवा हमले की धाराओं तक में केस दर्ज नहीं किया।

दूसरी गलती : पीड़िता की मृत्यु होने के बाद रेप न होने की बात कहना। आपको बता दें, पीड़िता की इलाज के दौरान मौत होने के कुछ घंटों बाद पुलिस ने बयान जारी किया कि पीड़िता के साथ रेप की पुष्टि नहीं हुई है।

तीसरी गलती : पीड़िता के घरवालों को शव न देकर बेटी का शव पुलिस प्रशासन द्वारा आधी रात को जलाना। इससे पुलिस प्रशासन पर उंगलियां उठने लगीं।

चौथी गलती : राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को पीड़ित मृतका के परिवार से मिलने गांव जाने से रोकना और बॉर्डर सील करना। आपको बता दें, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को यूपी बॉर्डर पर ही रोक दिया गया। जिसके बाद राहुल-प्रियंका गाड़ी से उतरकर पैदल चले तो उन्हें पैदल भी नहीं जाने दिया गया। लोगों ने सवाल उठाया कि अगर पुलिस गलत नहीं है तो वह राहुल-प्रियंका को पीड़ित परिवार से मिलने क्यों नहीं दे रही है।

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पांचवीं गलती : हाथरस के डीएम प्रवीण कुमार की गलत बयानबाज़ी। जिस दिन पीड़िता की मौत हुई डीएम ने पीड़ित परिवार को दिए गए मुआवजे को लेकर बयान जारी किया। जिसको लेकर लोगों में गुस्सा है।

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