इस “महाशिवरात्रि” अगर पाना है भगवान शिव का आशीर्वाद, तो जरुर करें इस मंदिर के दर्शन

हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है महाशिवरात्रि. इस दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना की जाती है. फाल्गुन के महीने की शिवरात्रि को महाशिवरात्रि कहा जाता है. महाशिवरात्रि के दिन लोग व्रत रखते हैं और पूरे विधि विधान से भगवान शिव की पूजा करते हैं. इस साल महाशिवरात्रि का पर्व 21 फरवरी 2020 (शुक्रवार) को मनाया जाएगा.

टपकेश्वर मंदिर

इस अवसर पर देश के विभिन्न इलाकों में बसे शिव मंदिरों में मेले का आयोजन किया जाता है. क्या आपको पता है कि इस दिन भगवान शिव के मंदिरों के दर्शन करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. आइए आपको बताते हैं भगवान शिव के 3 ऐसे मंदिरों के बारे में जहां महाशिवरात्रि पर भक्तों को जरूर करने चाहिए दर्शन.

टपकेश्वर मंदिर-

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से करीब 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. महादेव के इस मंदिर को पौराणिक काल का बताया जाता है. वहीं कई लोगों का कहना है कि महाभारत काल के महान योद्धा अश्वत्थामा का भी इस मंदिर से गहरा संबंध रहा है. यहां एक गुफा में स्थित शिवलिंग पर चट्टान से हमेशा पानी की बूंदे टपकती रहती हैं. इसी कारण इसका नाम टपकेश्वर मंदिर पड़ा है.

मान्यता है कि यह वह स्थान है, जहां देवताओं ने भगवान शिव की तपस्या की थी और उनके देवेश्वर रूप के दर्शन किए थे. वहीं महाभारत काल में अश्वत्थामा ने भी यही पर भगवान शिव की कठोर तपस्या की थी. उनकी तपस्या से खुश होकर भगवान शिव ने गुफा की छत से दूध की धारा बहा दी थी.

बहती है दूध की धारा-

यह धारा गुफा के अंदर स्थित शिवलिंग पर टपकने लगी.कलयुग की शुरुआत में दूध की यह धारा जल में परिवर्तित हो गई जो आज भी यहां स्थित शिवलिंग पर टपकती रहती है. शिवरात्रि के पावन अवसर पर इस मंदिर में भव्य रूप में मेले का आयोजन किया जाता है. कहते हैं इस मौके पर शिवलिंग पर जल चढ़ाने से भक्तों की मनोकामना पूरी होती है. इस मेले में बड़ी संख्या में लोग आते हैं और पूजा अर्चना करते हैं.

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