अगर आप भी आए हैं वाराणसी, तो ज़रूर लें इन आस पास की जगहों मज़ा

भारत के सबसे पुराने शहरों में गिने जाने वाले वाराणसी शहर के आसपास आपको बहुत कुछ देखने को मिलेगा।
अगर आप भी आए हैं वाराणसी, तो ज़रूर लें इन आस पास की जगहों मज़ा

वाराणसी को लोग कई नामों बनारस और काशी के नाम से भी जानते हैं। भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के इस प्रसिद्ध नगर को हिन्दू धर्म में सबसे अधिक पवित्र नगरों में से एक माना जाता है। उत्तर भारत का तो यह शहर सांस्कृतिक एवं धार्मिक केन्द्र रहा है। प्रसिद्ध अमरीकी लेखक मार्क ट्वेन ने भी इस शहर के बारे में लिखा है कि बनारस इतिहास से भी पुरातन है, परंपराओं से पुराना है, किंवदंतियों (Legends) से भी प्राचीन है और जब इन सबको एकत्र कर दें, तो उस संग्रह से भी दोगुना प्राचीन है।

यही कारण है कि सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व से लोग यहां पर आते हैं। वैसे वाराणसी में जिस तरह देखने को बहुत कुछ है, ठीक उसी तरह इसके आसपास भी आपको हिल स्टेशनों से लेकर ट्रेकिंग स्पॉट और wildlife sanctuaries  आदि सभी कुछ देखने को मिल जाएगा। अगर आप वीकेंड पर वाराणसी घूमने आए हैं तो अपने ट्रिप को और भी अधिक यादगार बनाने के लिए एक बार इन जगहों पर भी अवश्य घूमने जाएं।

सारनाथ

वाराणसी से महज दस किलोमीटर पूर्वोत्तर में स्थित सारनाथ का धार्मिक महत्व बहुत अधिक है। यह एक प्रमुख बौद्ध तीर्थस्थल है। ज्ञान प्राप्ति के पश्चात भगवान बुद्ध ने अपना प्रथम उपदेश यहीं दिया था। जिसके कारण बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए यह स्थान एक विशेष महत्व रखता है। यह स्थान बौद्ध धर्म के चार प्रमुख तीर्थों में से एक है। इतना ही नहीं, यह स्थान जैन धर्म एवं हिन्दू धर्म के लिए भी उतना ही महत्वपूर्ण है। माना जाता है कि जैन धर्म के ग्यारहवें तीर्थंकर श्रेयांसनाथ का जन्म यहाँ से थोड़ी दूर पर हुआ था।

यहां पर सारंगनाथ महादेव का मन्दिर भी है जहां सावन के महीने में हिन्दुओं का मेला लगता है। अगर आप सारनाथ आए हैं तो यहां पर आप अशोक का चतुर्मुख सिंहस्तम्भ, भगवान बुद्ध का मन्दिर, धामेख स्तूप, चैखन्डी स्तूप, राजकीय संग्राहलय, जैन मन्दिर, चीनी मन्दिर, मूलंगधकुटी और नवीन विहार आदि अवश्य देखें।

अर्बन अपडेट : औरैया में प्रशासन की उदासीनता लोगो की ज़िन्दगी पर पड़ी भारी…

इलाहाबाद

वाराणसी से करीबन 129 किमी दूर इलाहाबाद एक बेहद ही पवित्र स्थान माना गया है। उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा शहर इलाहाबाद तीन नदियों . गंगा, यमुना और सरस्वती के मिलन स्थल के रूप में प्रसिद्ध है। यहां का त्रिवेणी संगम बेहद प्रसिद्ध है। इसके अलावा हर बारह वर्ष में लगने वाला महाकुंभ मेला भी यहां पर लगता है। कुंभ के दौरान पूरे विश्व से लोग यहां पर आते हैं। वैसे अपनी धार्मिक पृष्ठभूमि के अतिरिक्त भी इलाहाबाद में देखने व घूमने के लिए बहुत कुछ है। अगर आप यहां आए हैं तो खुसरो बाग, आनंद भवन, ऑल सेंट्स कैथेड्रल, चंद्र शेखर आज़ाद पार्क और इलाहाबाद संग्रहालय आदि देख सकते हैं।

पन्ना

वाराणसी से करीबन 350 किमी दूर पन्ना मध्यप्रदेश में स्थित है। इसे डायमंड सिटी के रूप में भी जाना जाता है और इसका अपना एक एतिहासिक महत्व है। पन्ना देश में हीरे के भंडार वाला एकमात्र शहर है। वैसे पन्ना को विशेष रूप से पन्ना राष्ट्रीय उद्यान के लिए भी जाना जाता है, जो विश्व धरोहर स्थल है और भारत में वन्यजीव संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। पन्ना में आपको पांडव फॉल व पांडव गुफाएं, महामति प्राणनाथजी मंदिर, पदमावती देवी मंदिर, हीरे की खान, जुगल किशोर मंदिर, जैसी कई बेहतरीन जगहें देखने को मिलेंगी।

चित्रकूट

वाराणसी से करीबन 259 किमी दूर उत्तर विंध्य रेंज में स्थित चित्रकूट एक छोटा सा शहर है। यह स्थान हिन्दू धर्म में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। माना जाता है कि चित्रकूट ही वह स्थान था जहाँ भगवान राम, उनकी पत्नी सीता और उनके भाई लक्ष्मण ग्यारह वर्ष के चैदह वर्ष के वनवास के लिए रुके थे। इतना ही नहीं,  यह भी माना जाता है कि हिंदुओं के प्रमुख देवता (ब्रह्मा, विष्णु और शिव) ने यहां अवतार लिया था। इस दिव्य शहर को कई अजूबों की पहाड़ी के रूप में भी जाना जाता है।

घर पर बनाएं परवल रॉयल, जानें इसकी रेसिपी

इस स्थान को अगर  प्रकृति और देवताओं का उपहार कहा जाए तो गलत नहीं होगा। यहां पर भरत मिलाप मंदिर, हनुमान धरा, जानकी कुंड और बहुत से धार्मिक स्थान मौजूद हैं। बहुत कम ही लोग जानते हैं कि चित्रकूट दुनिया का एकमात्र विश्वविद्यालय भी है, जिसे विशेष रूप से विकलांगों के लिए बनाया गया है और इस यूनिवर्सिटी का नाम है Jagadguru Rambhadracharya Handicapped University । कुल मिलाकर, चित्रकूट देवत्व, शांति और उत्तम सौंदर्य का एक आदर्श मिश्रण है।

LIVE TV