छवि सुधारने के लिए अखिलेश का बड़ा एक्‍शन, गायत्री प्रसाद और राजकिशोर मंत्रिमंडल से बर्खास्‍त 

अखिलेशलखनऊ। उत्‍तर प्रदेश में चुनाव की आहट को महसूस करते हुए सत्‍तारुढ़ समाजवादी पार्टी की सरकार ने डैमेज कंट्रोल शुरु कर दिया है। इसे मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव का अपनी सरकार का अब तक का सबसे बड़ा फैसला माना जा रहा है। अखिलेश यादव ने सोमवार को सपा सुप्रीमों के खास माने जाने वाले अपने मंत्रिमंडल के दो मंत्रियों को बर्खास्‍त कर दिया। बर्खास्‍त दोनों मंत्रियों में पशुधन-लघु सिंचाई मंत्री रहे राजकिशोर सिंह और खनन मंत्री रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति शामिल हैं।

अखिलेश यादव के इस एक्‍शन को राज्‍य में हाल ही में होने वाले चुनावों के मद्देनजर सरकार की छवि सुधारने के लिए उठाया गया कदम माना जा रहा है।

गौरतलब है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश में जगह-जगह बड़े पैमाने पर जारी अवैध खनन को गंभीरता से लेते हुए गत 28 जुलाई को प्रदेश में हुए अवैध खनन और इसमें शामिल सरकारी अधिकारियों की भूमिका की जांच सीबीआई से कराकर छह महीने के अंदर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए थे। राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के इस फैसले को वापस लेने के लिए अर्जी दी थी, लेकिन कोर्ट ने गत 9 सितंबर को उसे खारिज कर दिया था।

हालांकि विपक्षी दलों के नेता अखिलेश के इस कदम को मात्र दिखावा भर कह रहे हैं। भाजपा के प्रांतीय महासचिव विजय बहादुर पाठक ने खनन मंत्री की बर्खास्तगी को महज दिखावा करार देते हुए कहा कि हाईकोर्ट से डरे मुख्यमंत्री ने मजबूरन यह कदम उठाया है।

पाठक ने कहा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पिछले साढ़े चार साल तक प्रजापति के भ्रष्टाचार के मूकदर्शक रहे। हाईकोर्ट ने जब प्रजापति द्वारा प्रोत्साहित किए गए अवैध खनन की सीबीआई जांच के आदेश को वापस लेने की सरकार की अर्जी खारिज कर दी, तब मुख्यमंत्री के पास प्रजापति को बर्खास्त करने के सिवा कोई चारा नहीं था।

वहीं कांग्रेस विधायक रीता बहुगुणा जोशी ने इस बारे में कहा कि प्रदेश में हर तरफ अवैध खनन हो रहा है और यह जगजाहिर है कि प्रजापति ही इसे बढ़ावा दे रहे थे। जब हाईकोर्ट ने इस पर गंभीर रुख अख्तियार कर लिया तो मुख्यमंत्री ने मजबूरन प्रजापति को बर्खास्त कर दिया। उन्होंने कहा कि अखिलेश का प्रजापति को बर्खास्त करना महज एक छलावा है।

मालूम हो कि वर्ष 2012 में पहली बार अमेठी से विधायक बने प्रजापति ने कामयाबी की सीढ़ियों पर काफी तेजी से कदम रखे। उन्हें फरवरी 2013 में सिंचाई राज्यमंत्री बनाया गया था। बाद में उन्हें खनन राज्यमंत्री के पद पर नियुक्त किया गया था। जुलाई 2013 में प्रजापति को स्वतंत्र प्रभार का राज्यमंत्री बनाया गया था और जनवरी 2014 में उन्हें कैबिनेट मंत्री बना दिया गया था।

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