सरकार ने सोमवार को स्पष्ट किया कि आयकर नियमों से संबंधित कोई भी नया बदलाव 1 अप्रैल से प्रभावी नहीं हो रहा है। वित्त मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर आयकर नियमों से संबंधित भ्रामक जानकारी के जवाब में स्पष्टीकरण जारी किया।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर नई कर व्यवस्था से जुड़ी भ्रामक सूचनाओं का मुकाबला करने के लिए वित्त मंत्रालय की ओर से एक विस्तृत बयान जारी किया गया है। बयान में कहा गया है, “यह व्यवस्था कंपनियों और फर्मों के अलावा अन्य व्यक्तियों के लिए वित्तीय वर्ष 2023-24 से डिफ़ॉल्ट व्यवस्था के रूप में लागू है और इसके अनुरूप मूल्यांकन वर्ष AY 2024-25 है।” इसमें कहा गया है कि नई कर व्यवस्था के तहत, कर दरें “काफी कम” हैं, लेकिन यह भी कहा गया है कि वेतन से 50,000 रुपये और पारिवारिक पेंशन से 15,000 रुपये की मानक कटौती के अलावा विभिन्न छूट और कटौतियों का लाभ उपलब्ध नहीं है ।
वित्त मंत्रालय के बयान में कहा गया है, “हालांकि नई कर व्यवस्था डिफ़ॉल्ट कर व्यवस्था है, करदाता वह कर व्यवस्था चुन सकते हैं जो उन्हें लगता है कि उनके लिए फायदेमंद है।” गौरतलब है कि नई कर व्यवस्था से बाहर निकलने का विकल्प निर्धारण वर्ष 2024-25 के लिए रिटर्न दाखिल करने तक उपलब्ध है।नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत के साथ, व्यक्तियों के पास या तो नई व्यवस्था पर टिके रहने या पुरानी व्यवस्था को चुनने का विकल्प होगा\।
नई कर व्यवस्था के तहत, 7.5 लाख रुपये तक की आय वाले व्यक्तियों को करों का भुगतान करने से छूट दी गई है। इसके अतिरिक्त, जिनकी आय 10 लाख रुपये तक है और कोई निवेश नहीं है, वे इस प्रणाली द्वारा प्रदान किए गए कम कर स्लैब से लाभ उठा सकते हैं।