सऊदी अरब में फंसे 25 भारतीय कामगारों का पहला जत्था स्वदेश रवाना

सऊदी अरबजेद्दा | सऊदी अरब में नौकरी गंवाने के बाद फंसे हजारों भारतीयों में 25 श्रमिकों का पहला समूह निकास वीजा मिलने के बाद गुरुवार को दिल्ली पहुंचा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने यह जानकारी दी।

इससे पहले सऊदी अरब में नौकरी जाने के बाद संकट का सामना कर रहे 25 भारतीय कामगारों का पहला जत्था किंग अब्दुलअजीज अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे से गुरुवार सुबह नई दिल्ली के लिए रवाना हो गया।

भारतीय वाणिज्य दूतावास कर्मी कामगारों को हवाईअड्डे तक एक बस में लेकर आए।

इन कामगारों को विदा करने वालों में कौंसल जनरल नूर रहमान शेख तथा आनंद कुमार व एम.फाहमी जैसे वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे।

सऊदी अरब में कंपनी ने करीब 7,700 कामगारों को वेतन नहीं दिया

सऊदी ओगर निर्माण कंपनी ने करीब 7,700 कामगारों को वेतन व बकाया नहीं दिया, जिसके कारण उनकी हालत बेहद खराब हो गई थी।

भारत तक खबर पहुंचने के बाद इन्हें लगभग 20 शिविरों में वहां पनाह दी गई और सुविधाएं मुहैया कराई गईं।

इस संकट से निपटने के लिए केंद्र सरकार को विदेश राज्य मंत्री वी.के.सिंह को सऊदी अरब भेजना पड़ा।

संकट के मद्देनजर, सऊदी अरब के शाह सलमान को उनकी समस्याओं के समाधान के लिए कई दिशा-निर्देश जारी करने पड़े और 10 करोड़ रियाल (2.6 करोड़ डॉलर) की मदद दी।

शाह सलमान ने सऊदी अरब के पासपोर्ट विभाग को परेशान कामगारों को प्रस्थान वीजा तथा अन्य प्रक्रियाएं पूरी करने का निर्देश दिया।

सऊदी अरब के श्रम मंत्रालय ने स्वदेश लौटने वाले कामगारों को फ्री पास देने की घोषणा की थी।

भारतीय वाणिज्य दूतावास के अधिकारियों ने हालांकि कामगारों को आश्वासन दिया है कि उनकी तरफ से वे उनके बकाये राशि का दावा करेंगे।

वापस लौटने वालों में राजस्थान के चूरू जिले के एक बढ़ई राम निवास ने कहा, “सऊदी अरब छोड़ने पर दुख हो रहा है, क्योंकि यहां रहकर पहले मैंने कुछ पैसे कमाए थे, लेकिन अब संभावना खत्म हो गई है।”

उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के मुशर्रफ अली ने कहा, “मुझे सऊदी अरब तथा भारत दोनों ही सरकारों में विश्वास है और मैंने उन्हें बकाया राशि प्राप्त कर उसे वापस मेरे पास भारत भेजने के लिए कहा है।”

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