शव के ऊपर से गुजरती रहीं ट्रेनें, नोंचते रहे कुत्ते, सीमा विवाद में उलझी रही पुलिस-जीआरपी

शव
Demo

लखनऊ| मानवता को शर्मसार कर देने वाली दर्दनाक घटना मंगलवार को रहीमाबाद क्षेत्र में देखने को मिली। यहां एक युवक का शव चार घंटे रेलवे ट्रैक पर पड़ा रहा और उसे कौए व कुत्ते नोंचते रहे। पुलिस और जीआरपी सीमा विवाद में उलझी रही। इस बीच शव के ऊपर से कई ट्रेनें भी निकल गईं, जिसके बाद शव रेलवे पटरी से किनारे आ गया। अभी शव की शिनाख्त नहीं हो सकी है।

अंत में मलिहाबाद पुलिस पल्ला झाड़कर लौट गई। करीब चार घंटे बाद जीआरपी ने खानापूर्ति करते हुए शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा। अभी उसकी शिनाख्त नहीं हो सकी है। मंगलवार सुबह टहलने निकले ग्रामीणों ने रहीमाबाद-कैथुलिया के बीच रेलवे ट्रैक पर एक अज्ञात युवक का शव देखा, जिसकी उम्र देखने से तीस से 32 वर्ष के बीच लग रही थी। क्षत-विक्षत शव देखकर ग्रामीणों ने घटना की सूचना पुलिस को दी। मौके पर पहुंची मलिहाबाद कोतवाली की पुलिस ने घटनास्थल जीआरपी के कार्य क्षेत्र में बताया और स्टेशन मास्टर को सूचना देकर वापस लौट गई।

पांच घंटे बीत जाने के बाद जीआरपी मौके पर पहुंची, लेकिन तब तक कई ट्रेनें शव को रौंद चुकी थीं। कुत्तों समेत अन्य जंगली जानवरों ने शव बुरी तरह नोंच डाला था। जीआरपी ने शव की तलाशी ली, लेकिन उसे ऐसा कुछ भी नहीं मिला, जिससे उसकी शिनाख्त हो सकती।

रहीमाबाद क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले दिलावरनगर रेलवे क्रॉसिंग गेट नंबर 237 के पास एक हाथ कटा देखकर वहां पर तैनात गेटमैन ने भी इसकी सूचना स्टेशन मास्टर रहीमाबाद को दी थी। बाद में जीआरपी आई और उस हाथ को उठा ले गई। रहीमाबाद-कैथुलिया के बीच जो शव मिला, उसी का हाथ था। जीआरपी के मुताबिक हाथ ट्रेन में फंसकर आगे तीन किलोमीटर दूर दिलावरनगर रेलवे क्रॉसिंग तक घिसटता चला गया।

इंस्पेक्टर पीपी सिंह ने कहा कि सूचना मिलने के दस मिनट के अंदर ही मैं स्वयं पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंच गया था, लेकिन घटनास्थल जीआरपी के क्षेत्र में आता था। इसकी सूचना जीआरपी को देकर वापस लौट आया था।

सुशील सिंह, इंस्पेक्टर, जीआरपी रहीमाबाद चौकी के पुलिसकर्मियों की भी लापरवाही उजागर हुई है, उन्हें सुबह साढ़े आठ बजे के करीब ही जानकारी मिल गई थी। चौकी की पुलिस घटनास्थल पर गई और जीआरपी का मामला देखकर वापस लौट आई।

शव की सूचना पर लोगों ने कैथुलिया गांव निवासी शिवप्यारी से संपर्क किया। उनका देवर राजाराम लखनऊ में रिक्शा चलाता है। पहले राजाराम का ही शव होने की बात चल रही थी, लेकिन शिवप्यारी ने मौके पर पहुंचकर बताया कि शव राजाराम का नहीं है।

LIVE TV