लोकसभा चुनाव में आमने सामने आये कॉमनवेल्थ गेम्स खिलाड़ी, पूनिया सहित राज्यवर्धन ने भी भरा पर्चा
कॉमनवेल्थ गेम्स में स्वर्ण पदक जीतने वाली सादुलपुर विधायक पूनिया के लिए ये नया क्षेत्र है। खिलाड़ियों के उतरने से चुनावी माहौल में खेल संबंधी टिप्पणियां भारी पड़ रही हैं। भाजपा समर्थकों का कहना है कि राठौड़ के निशाने से पूनिया बच नहीं सकती, वहीं कांग्रेस समर्थकों का कहना है कि पूनिया इस बार राठौड़ को इस सीट से ‘थ्रो’ कर सकती हैं। पिछली जीत के बाद राठौड़ के सोशल मीडिया पर लगातार सक्रिय रहने के चलते युवाओं में जरूर अच्छी पैठ हो गई है।
एक नए क्षेत्र से ताजा चेहरे के रूप में अपने पहले लोकसभा चुनाव में खड़ीं पूनिया को स्थानीय जनता का भरोसा जीतने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी। हालांकि प्रदेश की सत्ता परिवर्तन के बाद यहां बदला माहौल उनकी राह कुछ आसान जरूर कर रहा है।
राठौड़ अपने प्रचार में भारत द्वारा अंतरिक्ष में किए गए मिशन, एयर व सर्जिकल स्ट्राइक तथा केंद्र सरकार की उपलब्धियों व कामों को गिना रहे हैं। वहीं, पूनिया किसानों की दुर्दशा, बेरोजगारी, विचारधारा व लोकतंत्र को बचाए रखने के मुद्दे उठा रही हैं।
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मुझे इस सीट से चुनाव लड़ने की जानकारी पहले से नहीं थी। यह चुनाव मेरे लिए एक चुनौती है। मेहनत में कोई कमी नहीं छोड़ूंगी। किसान की बेटी होने के कारण गांव-देहात की मुझे परेशानियां पता हैं।
इस चुनाव में लड़ाई दो विचारधाराओं और लोकतंत्र की रक्षा के लिए है। पिछले पांच वर्षों में जनता से कई झूठ बोले गए हैं और जुमलेबाजी की गई है।