लखनऊ। अंगद ने फोन पर रिश्तेदार अजरुन से कहा कि वह माल पुलिस के उत्पीड़न और धमकी से बहुत आहत है और मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी को पत्र लिखने के बाद जहर खाकर जान दे रहा है। फोन कटने के बाद अंगद के रिश्तेदार अस्पताल के निकट पहुंचे तो वह जमीन पर बेसुध पड़े थे। अंगद के मुंह से झाग निकल रहा था। अंगद ने लिखा था कि ‘ऐसी जिंदगी से मर जाना बेहतर है’।
रिश्तेदारों ने आनन फानन उन्हें सौ बेड अस्पताल में भर्ती कराया और पुलिस को सूचना दी। घटना की जानकारी होने पर सीओ माल रोहित सिंह कात्यायन, एसओ माल अंबर सिंह, अपर पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) प्रताप गोपेंद्र यादव समेत अन्य पुलिसकर्मी अस्पताल पहुंचे। अपर पुलिस अधीक्षक ने पीड़ित के घरवालों से जानकारी लेने के बाद घटना से एसएसपी मंजिल सैनी को अवगत कराया।
एसएसपी ने दारोगा जगपाल सिंह यादव को निलंबित कर दिया। एसएसपी के मुताबिक दारोगा ने आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया और सुलह के लिए दबाव बनाया। वहीं पीड़ित की हालत खतरे के बाहर बताई जा रही है।
अस्पताल में मौजूद अंगद के बेटे शिवम सिंह ने बताया कि बीकेटी थाना क्षेत्र के उलरापुर निवासी हिस्ट्रीशीटर रीतेश बहादुर सिंह उर्फ आरबी और माल अटरिया के रहने वाले उसके बहनोई संजय पिता से रंगदारी मांगते थे। रुपये न देने पर 31 जनवरी को बसहरी पुल के निकट आरोपियों ने हमला करने की कोशिश की थी, लेकिन अंगद भाग निकले थे।
चार फरवरी को माल पुलिस ने उच्चाधिकारियों के निर्देश पर रिपोर्ट दर्ज की थी। रीतेश बीकेटी थाने का भी सूचीबद्ध अपराधी है। अदालत से गैर जमानती वारंट जारी होने पर बीकेटी पुलिस ने रितेश को 18 फरवरी को गिरफ्तार कर लिया था। शिवम के मुताबिक बीकेटी थाना क्षेत्र में चंद्रिका देवी रोड पर कठवारा गांव के निकट 10 फरवरी को फिर से रजनेश, कौशल सिंह, संजय सिंह तथा रीतेश बहादुर ने रास्ते में अंगद को रोककर उनपर हमला कर दिया था।
पुलिस व आरोपी इसी मामले में सुलह का दबाव बना रहे थे। अंगद माल क्षेत्र के मैगना आइपी सिंह स्कूल में शिक्षक हैं।