
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सबसे बड़े आलोचक के सुर कुछ बदले हुए नज़र आए। जिस शख्स ने पीएम मोदी की आलोचना करने में कोई कसर नहीं छोड़ी अब वे उन्हें सबसे बेहतर बता रहे हैं। बात की जा रही है जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्रसंघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार की। कन्हैया ने इस बार पीएम मोदी की तारीफ करते हुए उन्हें अमेरिका के भावी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से बेहतर बताया।
कन्हैया कुमार पर इस साल जेएनयू में कथित तौर पर ‘राष्ट्रविरोधी’ नारेबाजी के मामले में देशद्रोह का आरोप लगा था। छात्र नेता ने महान अफ्रीकी-अमेरिकी नेता मार्टिन लूथर किंग का उद्धरण देते हुए कहा था कि बुरे लोग इसलिए नहीं चिल्लाते कि वे शक्तिशाली हैं बल्कि अच्छे लोगों के खामोश रहने से ऐसा होता है।
मोदी के सबसे बड़े आलोचक के बदले सुर
टाइम्स लिटफेस्ट में ‘फ्रॉम बिहार टू तिहाड़’ पर एक सामूहिक परिचर्चा में मोदी के सबसे बड़े आलोचक कन्हैया ने कहा, ‘हो सकता है कि नरेंद्र मोदी से तमाम मतभेद हों, इसके बावजूद मोदी ट्रंप से बेहतर हैं। दुनियाभर में अधिनायकवादी भावना बढ़ी है और अगर आप देखें कि (अमेरिकी) राष्ट्रपति चुनाव में जिस तरह की भाषा इस्तेमाल हुई है, प्रवासियों और महिलाओं के खिलाफ अभूतपूर्व बयान दिए गए।’
कन्हैया के पूर्व में दिए गए बयान
- कन्हैया कुमार ने रविवार (18 सितंबर) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा था कि वह मुददों से ध्यान बंटाने के लिए ‘जुमलेबाजी’ करते हैं।
- कन्हैया कुमार ने कहा था, मोदी जी गलत लोगों की संगति में हैं और देश को बेचना चाहते हैं। नरेन्द्र मोदी सिर्फ और सिर्फ उद्योगपतियों की भाषा बोलते हैं। यदि उन्हें देश की चिंता रहती तो भाषा लोक कल्याणकारी होती।
- कन्हैया ने कहा था कि पीएम मोदी हमेशा ‘फ्लाइट मोड’ पर ही रहते हैं और छुआछूत पर आधारित देश बनाना चाहते हैं। कन्हैया ने आगे कहा कि मैं कोशिश करता हूं कि देश की तमाम भाषाएं सीख सकूं।
- देशद्रोह के आरोप में जेल जा चुके कन्हैया ने वहां से जमानत पर रिहा होने के बाद कहा था कि पीएम मोदी जब बोलते हैं तो मन करता है टीवी में घुसकर उनका सूट पकड़कर उन्हें खींच लूं।
- कन्हैया कुमार ने कहा, ‘हम मोदी के खिलाफ बोलते हैं, तो हमें देशद्रोही बोला जाता है लेकिन मैं इस बात को नहीं मानता। मोदी जी आप देश नहीं हैं। संघ संसद नहीं है और मनुस्मृति संविधान नहीं हो सकता।’
- छात्र नेता कन्हैया ने पत्र में लिखा था, ‘मोदी जी, मीट या वीडियो को बदलने से देश नहीं बदलेगा। देश तब बदलेगा जब उसके लोगों की हालत सुधरेगी। आपके शासनकाल में चीजें केवल बद से बदतर हुई हैं। युवाओं और छात्रों ने बड़ी उम्मीद के साथ आपको चुना था।’
- एआईयूएफ में कन्हैया ने कहा था, वे इतिहास के छात्र नहीं रहे हैं लेकिन कभी भी नरेंद्र मोदी की तरह इतिहास में फेल नहीं हुए। कुछ लोग कहते हैं कि नरेंद्र मोदी शेर हैं। यदि मोदी शेर हैं तो उन्हें जंगल में रहना चाहिए या फिर उन्हें चिड़ियांघर में भेज देना चाहिए।