नई दिल्ली। कोरोना वायरस को और ठीक से समझने के लिए भारत में इसकी जीनोम सीक्वेंसिंग तेज कर दी है। उन्होंने आगे होने वाले संक्रमित की बारीके से जांच करेंगे। आगे तीन चार हफ्ते में पूरी तस्वीर साफ हो जाएगी।

जीनोम सीक्वेंसिंग के जरिए वायरस के विकास, बदलते स्वरूप, वह कहां से आया, कौनसे स्वरूप खतरनाक हैं और कौनसे नहीं, आदि बातों को समझने में मदद मिलेगी। उनके साथ जीनोमिक्स और इंटीग्रेटेड बायोलॉजी संस्थान नई दिल्ली काम कर रहा है।
इससे भविष्य में वायरस के नए विकसित होने जा रहे पहलुओं को भी समझा जा सकेगा। इसके लिए संक्रमित मिले कोविड-19 रोगियों से वायरस के सैंपल जुटा कर सीक्वेंसिंग केंद्रों पर जा रहे हैं। पुणे के विषाणु विज्ञान राष्ट्रीय संस्थान से भी सैंपल भेजने का निवेदन किया गया है।