क्या एक बार फिर बनेगी भाजपा की सरकार, कौन से समीकरण पर बनेगी बात…
मध्यप्रदेश। मध्य प्रदेश में 16 मार्च को विधानसभा का सत्र होने वाला है जिसपर सभी की निगाहें टिकी हैं। प्रदेश में 22 विधायकोंं ने एक साथ इस्तीफे के बाद से प्रदेश की सियारत उलट गई है। स्पीकर के पास केवल 17 मार्च तक का समय है विधायकों के इस्तीफे के बारे में विचार का। स्पीकर के फैसले के बाद ही राजयपाल इस बारे में कुछ कर सकेंगे। अगर विधायकों के इस्तीफे में कोई पेंच फंसाया तो विधायक कोर्ट तक पहुंच जाएंगे।
यह भी बताया जा रहा है कि बागी विधायक स्पीकर से व्यक्तिगत तौर पर मिल भी सकते हैं. बीजेपी का रास्ता रोकने के लिए कमलनाथ विधानसभा भंग कर चुनाव कराने की सिफारिश भी कर सकते हैं. जानें मध्य प्रदेश में बीजेपी, कांग्रेस, बागी विधायकों, स्पीकर और राज्यपाल के पास क्या विकल्प हैं ।