बसपा को झटका, नहीं लड़ पाएगी चुनाव!

बसपा राष्ट्रीय दलनई दिल्‍ली। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) का वजूद खतरे में है। बसपा अभी तक एक राष्‍ट्रीय पार्टी है लेकिन शायद ज्‍यादा दिन तक यह तमगा उसके पास न रहे। चुनाव आयोग में एक याचिका दायर की गई है, जिसमें बसपा के राष्‍ट्रीय दल के रूप में मान्‍यता रद्द करने की मांग की गई है। याचिका के अनुसार बसपा राष्ट्रीय दल की मान्यता बनाए रखने की शर्तें पूरी नहीं करती। इसी आधार पर मायावती की पार्टी से राष्ट्रीय दल का दर्जा वापस ले लेना चाहिए।

बसपा राष्ट्रीय दल की शर्तें पूरी करने में नाकाम

सुप्रीम कोर्ट के वकील हरिशंकर जैन ने इस मामले पर चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया है। आयोग में दाखिल जैन की याचिका के मुताबिक किसी भी दल को राष्‍ट्रीय दल की मान्यता तभी मिलती है, जब उसे कम से कम चार राज्यों के लोकसभा या विधानसभा चुनाव में डाले गए वैध मतों में से कम से कम 6 फीसदी हासिल हुए हों। राष्ट्रीय दल की मान्यता के लिए अर्जी तभी दी जा सकती है, जब उस पार्टी के टिकट पर पिछले विधानसभा चुनाव में कम से कम चार सदस्य जीत कर आए हों। पिछले लोकसभा चुनाव में सदन की कुल सीटों में से 2 फीसदी सीटें जीती हों, वो भी कम से कम तीन राज्यों में।

इन कसौटियों पर बसपा कहीं भी खड़ी नहीं होती। दो साल पहले हुए पिछले लोकसभा चुनाव में पार्टी ने 503 सीटों पर चुनाव लड़कर महज 4.3% वोट हासिल किए, पर सीट एक भी नहीं जीत सकी। वहीं 2012 के यूपी विधानसभा चुनाव में 403 सीटों पर लड़कर 25.95% वोट और 80 सीटें हासिल कीं।

इसके अलावा बसपा ने कई राज्‍यों में चुनाव लड़े लेकिन खाता नहीं खोल पायी। वोट का प्रतिशत भी कुछ खास नहीं रहा। याचिकाकर्ता हरिशंकर जैन ने अपनी याचिका में यह तमाम दलीलें पेश की हैं। अब उनकी दलीलें और आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो बसपा फंसती दिख रही है।

इससे पहले चुनाव आयोग ने लालू प्रसाद के नेतृत्व वाली राष्‍ट्रीय जनता दल की राष्ट्रीय पार्टी के रूप में मान्यता समाप्त कर दी थी। राजद को बिहार, झारखंड, मणिपुर और नगालैंड में मान्यता मिली हुई थी, लेकिन झारखंड में अच्छा प्रदर्शन नहीं करने के कारण उसकी मान्यता छिन गई थी।

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