
फिल्म– फुल्लू
रेटिंग– 2 ½
सर्टिफिकेट– A
अवधि– 1 घंटा 36 मिनट
स्टार कास्ट– शारिब हाशमी, ज्योति सेठी, नूतन सूर्या
डायरेक्टर– अभिषेक सक्सेना
प्रोड्यूसर– पुष्पा चौधरी, अनमोल कपूर
कहानी– फिल्म की कहानी फुल्लू के इर्द गिर्द घूमती है जो बेरोजगार है। उसकी मां और बहन महनत कर के घर चलाती हैं। फुल्लू शहर से गांव की औरतों के लिए सामान लाता रहता है लेकिन वहां खुद के लिए कोई नौकरी नहीं ढूंढता है। फुल्लू की मां उसकी शादी बिगनी से करा देती हैं। वह सोचती हैं कि शादी के बाद उसे अपनी जिम्मेदारियों का एहसास हो जाएगा लेकिन ऐसा कुछ नहीं होता है।
एक बार शहर के दौरे पर उसे सैनेटरी पैड के बारे में पता चलता है। उसे पता चलता है कि उसके गांव की औरतें जिन पुराने कपड़ों का इस्तेमाल करती हैं उससे इन्फेक्शन होने का खतरा रहता है। फिर वह सेनेटरी पैड खरीदकर गांव लाता है। इसपर उसका परिवार काफी गुस्सा करता है। उन्हें लगता है कि यह बहुत महंगे हैं जिन्हें वे खरीद नहीं सकते। इसके बाद से फुल्लू गांव की औरतों के लिए सस्ते सेनेटरी पैड बनाने में जुट जाता है।
एक्टिंग– फिल्म में सभी कलाकारों ने अपनी जान झोंक दी है। किरदारों में स्टार्स ने जान डाल दी है। शारिब हाशमी से लेकर ज्योति और नूतन एक्टिंग के बल पर फिल्म को बढ़ाया है। सभी ने अपने किरदारों के साथ पूरा न्याय किया है। सभी की जबरदस्त एक्टिंग रही है।
डायरेक्शन– फिल्म का डायरेक्श्न कुछ खास नहीं है। कई जगह डायलॉग बेवजह लगते हैं। गानों का कहानी से ताल मेल नहीं बैठता है। कैमरा हैंडलिंग कई जगह बेकार है। कई सीन में कैमेरा शेक हो गया है। कुछ सीन कहानी को खींचते हुए नजर आते हैं।
म्यूजिक– फिल्म के गाने कहानी के मुताबिक सटीक नहीं बैठते हैं। रिलीज से पहले गाने दर्शकिों के बीच छाप छोड़ने में नाकामयाब रहे।
देखें या नहीं– 21वीं सदी में अनुछुए मुद्दे पर जागरुकता फैलाने वाली फिल्म को सिनेमाघर में देखने जा सकते हैं।