ये युद्ध राजनीति की दलाली और धर्म के बीच, मै अखिलेश के साथ

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के लिए आज दिन बहुत बड़ा साबित हो रहा है। तेजी से बदल रहे घटनाक्रम में शह और मात का खेल जारी है। शिवपाल यादव को मंत्रिमंडल से निकाला गया। इस घटना के बाद बड़ी प्रतिक्रिया तो आनी थी और आई भी। मुलायम ने प्रोफेसर रामगोपाल को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया। केवल एक लेटर ने रविवार सुबह से यूपी की राजनीति की दशा और दिशा दोनों को बदलकर रख दिया है। शिवपाल यादव के कद और ओहदे को देखते हुए प्रोफेसर साहब का शिवपाल यादव को निशाना बनाना महंगा पड़ा।

ram-gopal-yadav-letter

पार्टी से निकाले जानें के बाद प्रोफेसर रामगोपाल ने एक और पत्र जारी करते हुये कहा कि मुलायम सिंह यादव मेरे राजनीतिक गुरू व बड़े भाई हैं और रहेंगे ताउम्र मैं उनका सम्मान करता रहूंगा। इस वक्त वह जरूर कुछ आसुरी शक्तियों से गिरे हुए हैं जब वह उन ताकतों से मुक्त होंगे तब उन्हें सच्चाई का एहसास होगा।

आगे उन्‍होने लिखा है कि मैं समाजवादी पार्टी में रहूं या ना रहूं पर इस धर्म युद्ध में मैं अखिलेश यादव के साथ हूं और उन्हें दोबारा मुख्यमंत्री बनने तक रहूंगा। मुझे पार्टी से निकाले जाने का कोई दुख नहीं है मेरे ऊपर जो घटिया आरोप लगाए गए हैं उससे मुझे पीड़ा जरूर हुई है।

उन्होंने आगे लिखा है कि लोकतांत्रिक राजनीति में अन्य दलों के नेताओं से मिलना कोई अपराध नहीं सैफई में एक शादी समारोह में प्रधानमंत्री को बुलाने के लिए जरूर में नेता जी के साथ मै प्रधानमंत्री मोदी जी से मिला था।

पिछले दिनों बीजेपी के एक सांसद ने शिवपाल सिंह आपके पुत्र की शादी समारोह के उपलक्ष्‍य में भोज दिया था। फिर पार्टी के ही एक एमपी ने बीजेपी के सांसद को स्वागत भोज दिया था माननीय नेता जी व शिवपाल जी दोनों उसमें बराबर शामिल रहे थे।

यह बातें उनकी भी घटिया सोच को दर्शाती हैं मैं फिर समाजवादी साथियों से अपील करुंगा कि किसी धोखे या भ्रम में ना रहें पूरी ताकत से अखिलेश के साथ जुडें ताकि राजनीति के दलाल अखिलेश को हराने की अपनी कोशिश में कामयाब ना हो।

जानकारों की मानें तो रामगोपाल की बर्खास्‍तगी से सीएम अखिलेश काफी नाराज हैं और जल्‍द ही वो पलटवार कर सकते हैं।

LIVE TV