पेरिटोनियल कैंसर और ओवरियन कैंसर में क्या है अंतर, जानें लक्षण और जरूरी बातें

पेरिटोनियल कैंसर कम लोगों में पाया जाता है मगर ये एक गंभीर बीमारी है। महिलाओं में इस कैंसर के होने की संभावना ज्यादा होती है। यह कैंसर पेट के निचले हिस्से को प्रभावित करता है। इस कैंसर के लक्षण काफी कुछ ओवरियन कैंसर से मिलते हैं इसलिए कई बार लोग (खासकर महिलाएं) ओवरियन कैंसर और पेरिटोनियल कैंसर में कंफ्यूज रहती हैं। लक्षणों के आधार पर कई बार डॉक्टर भी इसे पहचानने में गलती कर सकते हैं। आइए आपको बताते हैं पेरिटोनियल कैंसर के बारे में कुछ खास बातें, जिनसे आप ओवरियन कैंसर और पेरिटोनियल कैंसर के बीच अंतर को आसानी से समझ सकते हैं।

पेरिटोनियल कैंसर और ओवरियन कैंसर

पेरिटोनियल कैंसर के लक्षण

पेरिटोनियल कैंसर के लक्षणों को शुरुआती अवस्था में पहचान पाना संभव नहीं है। जैसे-जैसे ये लक्षण बढ़ते जाते हैं वैसे समस्याएं बढ़ने लगती हैं।

  • पेट में दर्द
  • पेट में गैस की समस्या
  • पेट में सूजन व ऐंठन
  • हल्का भोजन लेने के बाद भी पेट में भारीपन महसूस होना
  • चक्कर आना
  • डायरिया
  • लंबे समय से कब्ज की समस्या
  • पेशाब करते समय दर्द होना
  • भूख कम लगना
  • अचानक से वजन बढ़ना या कम होना
  • असमान्य रुप से योनि से रक्तस्राव होना
  • सांस में कमी

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पुरुषों से ज्यादा महिलाओं पर प्रभाव

पेरिटोनियल कैंसर पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं में ज्यादा देखा जाता है। जिन महिलाओं को ओवरियन कैंसर होता है उनमें अपने आप पेरिटोनियल कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा बढ़ती उम्र में भी इसके होने की संभावना ज्यादा होती है। इस कैंसर का असर यूटरस, ब्लैडर और रेक्टम पर भी पड़ता है इसलिए कई बार महिलाएं इसे ओवरियन कैंसर भी मान लेती हैं।

पेरिटोनियल कैंसर और ओवरियन कैंसर में संबंध

पेरिटोनियल कैंसर और ओवरियन कैंसर में फर्क कर पाना कई बार डॉक्टरों के लिए बी मुश्किल होता है। इसकी मुख्य वजह यह है कि ओवरीज और पेरिटोनियम दोनों ही अंग इपिथेलियल सेल्स से बने होते हैं। इसलिए दोनों प्रकार के कैंसर में लक्षण एक से दिखाई देते हैं। लेकिन इन दोनों में मुख्य अंतर यह है कि पेरिटोनियल कैंसर उन महिलाओं को भी हो सकता है, जिन्होंने अपनी ओवरीज निकलवा दी हैं। इसके अलावा ओवरियन कैंसर सिर्फ ओवरीज में होता है जबकि पेरिटोनियल कैंसर पेट के किसी भी हिस्से में हो सकता है। पेरिटोनियल कैंसर के कारणों का पता नहीं लगा है मगर कुछ वैज्ञानिक मानते हैं कि ये जन्म के समय पाए गए दोष के कारण होता है।

पेरिटोनियल कैंसर की जांच और इलाज

लक्षण की शुरुआत में आमतौर पर पेट में सूजन, चक्कर आना और दर्द की समस्या होती है इसलिए डॉक्टर अल्ट्रासाउंड की सलाह दे सकते हैं। पेरिटोनियल कैंसर के निदान के लिए डॉक्टर पहले आपके चिकित्सीय इतिहास की जांच करेगा। फिर वह आपकी शारीरिक जांच के जरिए आपको होने वाली समस्याओं क बारे में पता लगाने की कोशिश करेगा। कैंसर की पुष्टि हो जाने पर इसका इलाज किया जाता है।

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