धर्मसंकट में पीएम मोदी, देश के एक कोने में धारा 370 और दूसरे में 27 साल से धारा 144, किसे पहले हटाएं

पीएम मोदीकोटा। वैसे तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मदद के लिए हर रोज कोई न कोई गुहार लगाता ही रहता है। कभी कोई ट्विटर के माध्‍यम से तो कभी कोई खत लिखकर। लेकिन देश के एक इलाके से अब पीएम मोदी से मदद की ऐसी गुहार लगाई गई है जो अपने आप में बेहद अजीबोगरीब लगती है।

पीएम मोदी से मांगी मदद

एक तरफ जहां कश्‍मीर में लोग धारा 370 की वजह से देश से अलग होते जा रहे हैं। वहीं यहां के लोग धारा 144 की वजह से बेहद परेशान हैं। यह मामला है राजस्‍थान के कोटा शहर का। यहां के एक हिस्‍से में रहने वाले एक लाख से ज्‍यादा लोग पिछले 27 सालों से धारा 144 के आदेशों के साए में हैं।

यहां के लोग शादी और अंतिम संस्कार के अलावा कोई भी सार्वजनिक प्रोग्राम आयोजि‍त नहीं कर सकते। कोटा के बजाज खाना, घंटा घर, मकबरा पाटन और तिप्टा इलाके में धारा 144 लगी हुई है। करीब दो किलोमीटर क्षेत्र में फैले इन इलाकों में ज्यादातर अल्पसंख्यक समुदाय के लोग रहते हैं। इन इलाकों में 1989 में हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद से ही धारा 144 लगा दी गई थी।

यहां के स्थानीय लोगों का दावा है कि धारा 144 के तहत इस इलाके में अभी भी पाबंदियां लगी हुई हैं, जबकि इस क्षेत्र में किसी तरह की कोई कानून एवं व्यवस्था से संबंधित समस्या नहीं है। यह उनके लिए एक ‘कलंक’ की तरह है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि बैंक उन्हें लोन देने से मना कर दते हैं और अधिकारी उनकी समस्याओं को नजरअंदाज कर देते हैं।

सितंबर 1989 में कोटा में सांप्रदायिक दंगे हुए थे, जिसके बाद इलाके में कर्फ्यू लगाया गया था। कर्फ्यू को इलाके से हट गया, लेकिन उसके बाद धारा 144 लगा दी गई। तत्कालीन कोटा जिलाधिकारी एसएन थानवी ने सितंबर 1990 में अगले आदेश तक धारा 144 लागू रहने का एक सर्कूलर जारी किया था। लेकिन अगला आदेश अभी तक नहीं आया।

आपको बता दें कि जब इस मुद्दे के बारे में जिलाधिकारी रवि कुमार से पूछा गया तो उन्होंने सीधा जवाब देने से बचते हुए कहा कि यह धारा इसलिए लगी हुई है, ताकि इस इलाके में शांति भंग ना हो। वहीं अब लोगों ने परेशान होकर इसपर पीएम मोदी से मदद की मांग की है।

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