
मऊ। शाकाहार, सदाचार और मद्यनिषेध जन जागरण यात्रा पर निकले बाबा जय गुरुदेव के उत्तराधिकारी पंकज महाराज का कहना है कि उनके आश्रम से मथुराकांड के मुख्य आरोपी रामवृक्ष यादव का कोई भी वास्ता नहीं है। वहीँ उनके काफिले की गाडियों के बजते हुए हूटरों का नजारा सत्ता के मद को प्रदर्शित करता नजर आया।
पंकज महाराज ने कहा हिंसक था रामवृक्ष
रामवृक्ष के बारे में बात करते हुए पंकज महाराज ने कहा कि रामवृक्ष शुरुवात से ही हिंसक प्रवत्ति का था। उन्होंने बताया कि उसके खिलाफ एक पेट्रोल पंप पर संस्था के दो अनुयायियों को जलाने का मुकदमा भी मथुरा में दर्ज है।
दशई पोखरा पर सोमवार को प्रवचन के पूर्व मीडिया से बातचीत में मथुरा में हुई घटना पर दुख प्रकट करते हुए उन्होंने कहा कि बाबा जय गुरुदेव की संस्था शाकाहार, सदाचार, मद्यनिषेध, आध्यात्मिक जनजागरण कर रही है। हम हिंसक एवं सत्याग्रही व्यक्ति से किसी तरह का वास्ता नहीं रखते हैं। मथुरा में जो कुछ हुआ उससे वह काफी दुखी हैं। उन्होंने बताया कि उनकी यात्रा की शुरुआत 25 मई को मथुरा से हुई थी। इसका 19वां पड़ाव मऊ में है। कहा कि बाबा जय गुरुदेव के करोड़ों अनुयायी दुनिया भर में हैं।
जिनमें अहिंसा की भावना है। जगह-जगह आश्रम भी हैं। सभी आश्रमों का संचालन मथुरा मुख्यालय से होता है। संस्था बाबा जय गुरुदेव के आत्म कल्याणकारी संदेशों का प्रचार करती है। अहिंसा और सदाचार पर चलने के लिए कहती है। संस्था शाकाहार, सदाचार, मद्यनिषेध, देशभक्ति, राष्ट्रीय संपत्ति की सुरक्षा, मानव प्रेम, एकता, चरित्र उत्थान के संदेशों को जगह-जगह पहुंचाकर अच्छे समाज के निर्माण की जमीन तैयार कर रही है। बाबा जय गुरुदेव ने जीवन भर लोगों को शाकाहारी और सदाचारी बनने की प्रेरणा दी। कहा कि दुनिया में जितने भी अपराध हो रहे हैं इसकी जड़ में मद्यपान है। प्रदेश शराब और बूचड़खानों पर रोक लगनी चाहिए।
जहाँ एक ओर इन सभी बड़ी-बड़ी बातों को कहकर महाराज पंकज ने मथुरा कांड से पल्ला झड़ने की कोशिश की, वहीँ दूसरी और उनकी गाडियों के बजते हूटर किसी और ही तरफ इशारा कर रहे थे। अब प्रश्न यह उठता है कि पंकज एक ओर अनुशासन की बात कर रहे हैं दूसरी तरफ खुद ही अनुशासनहीन दिख रहे हैं| इनके काफिले में गाड़ियों की लम्बी कतार और लगातार बजते हुए हूटरों को देखते हुए तो यही अनुमान लगाया जा रहा है, कि कहीं न कहीं इनके तार सपा सरकार से जुड़े हो सकते हैं। इतनी बड़ी संख्या में गाडियों में हूटर लगे होना और स्थानीय प्रशासन का इसके खिलाफ़ कोई वैधानिक कार्यवाही न करना अपने आप में बड़ा सवाल है।