देह व्यापार से मुक्त होने वाली लड़की की कहानी सुनकर रो पड़ेंगे आप

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में रेड लाइट एरिया में क्राइम ब्रांच ने बुधवार शाम को छापेमारी करके एक युवती को मुक्त कराया था। जब वो 12 साल की थी तभी उसे इस देह व्यापार के दलदल में जबरदस्ती धकेल दिया गया था। पुलिस ने जब उससे पूछताछ की तो उसने अपनी दर्द भरी दास्तां रोते हुए बताई।

बता दें कि वाराणसी के शिवदासपुर रेड लाइट एरिया के एक घर में देह व्यापार किया जाता था। शिकायत मिलने पर क्राइम ब्रांच और मंडुवाडीह पुलिस ने छापेमारी कर के एक 21 वर्षीय युवती को मुक्त कराया। पुलिस ने घर सील कर तीन महिलाओं और दो पुरुषों को गिरफ्तार किया है।

युवती को मेडिकल मुआयने के लिए भेज दिया। इसके पहले चंदौली जिले के धीना थाना क्षेत्र की महिला ने एसएसपी को बताया कि लगभग नौ साल पहले घर के बाहर खेलते समय उसकी 12 वर्षीय बेटी गायब हो गई थी। क्षेत्र के ही एक व्यक्ति ने बताया कि उसकी बेटी शिवदासपुर रेड लाइट एरिया में है और उससे देह व्यापार कराया जा रहा है। इसके बाद पुलिस टीम ने युवती को मुक्त कराया।

मुक्त कराई गई युवती ने जब 9 साल बाद अपनी मां को देखा तो दहाड़े मार कर रोने लगी। युवती बार-बार यही कह रही थी कि अरे मां! मेरी जिंदगी बरबाद हो गई…। मां भी उसे सीने से चिपकाये बस रोती रही। यह देख सभी की आंखें भर आईं। पीड़ित की मां ने बताया कि बेटी को बहुत खोजा, लेकिन पता नहीं चला। क्षेत्र के एक व्यक्ति ने जानकारी दी तो भतीजे को रेड लाइट एरिया भेजा। भतीजा ग्राहक बनकर शिवदासपुर आया और उनकी बेटी से मुलाकात की। उसकी फोटो खींच कर उसके पास आया। इसके बाद एसएसपी से शिकायत की।

पुलिस की प्रारंभिक पूछताछ में युवती ने बताया कि 12 साल की उम्र में उसका एक रिश्तेदार सामान दिलाने के लिए घर से लेकर निकला और फिर शिवदासपुर के रेड लाइट एरिया में छोड़ गया। यहां उसकी कड़ी निगरानी की जाती थी और घर से बाहर निकलने पर पीटा जाता था। जब भी वो घर से बाहर निकल कर भागने की कोशिश करती तो कमरे में बंद कर के उसे लात-घूंसों और डंडे से पीटा जाता था। उम्र बढ़ी तो उसे लगा कि अब उसके घर वाले उसे नहीं अपनाएंगे। प्रताड़ना के डर से वह भागने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही थी और चुपचाप खुद को रोज इस दलदल में देखती रहती थी।

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शिवदासपुर रेड लाइट एरिया जाने वाला रास्ता लहरतारा-मंडुवाडीह मुख्य मार्ग से सटा है। आखिरी बार 2005-06 में सामाजिक संस्था गुड़िया और बीएचयू के छात्रों ने रेस्क्यू ऑपरेशन चला कर देह व्यापार में जबरन धकेली गई युवतियों को मुक्त कराया था। तब से अब तक सब कुछ वैसे ही चल रहा है। शाम होते ही यहां रिक्शा चालक, ठेला संचालक और मजदूर शराब के नशे में धुत होकर भटकते नजर आते हैं, लेकिन पुलिस यहीं की गतिविधियों से अनजान बनी रहती है।

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