देहरादून में गौ संरक्षण को लेकर उठने लगे सवाल, मचा नगर निगम में हड़कंप

रिपोर्ट – SURENDRA DHAKA

देहरादून -राजधानी देहरादून में गौ संरक्षण को लेकर बड़ा सवाल उठने लगा है। देहरादून के कांजी हाउस में पिछले एक महीने के दौरान 105 गायों की मौत की खबरें आ रही हैं। इससे नगर निगम में हड़कंप मच गया है। हालांकि कांजी हाउस में गायों की मौत के आंकड़ों को लेकर अलग-अलग दावे शुरू हो गए हैं। नगर निगम 13 गायों की मौत की बात कह रहा है।निगम प्रशासन पूरे नगर निगम क्षेत्र में भारी तादात में गायों की मौत की बात तस्दीक कर रहा है। लेकिन कांजी हाउस में इतनी गायों की मौत को सिरे से झुठला रहा है।

 देहरादून में गौ संरक्षण

उत्तराखंड राज्य ने विधानसभा में पिछले साल सितंबर में गाय को राष्ट्रमाता का दर्जा देने वाला प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया था। उसी विधानसभा से महज 2 किलोमीटर की दूरी पर केदारपुरम क्षेत्र में स्थित कांजी हाउस में पिछले कुछ समय में 105 गायों की मौत हो गई और सरकार को इसकी खबर तक नहीं है।

उत्तराखंड सरकार पर गौ संरक्षण और सवंर्धन को लेकर बड़ा सवाल उठ रहा है। देख-रेख के अभाव में लगातार इनकी मौत हो रही है। कांजी हाउस में गऊ माता की सेवा और सरक्षंण कम मौत के मुंह मे धकेलने का ज्यादा प्रयास होता हुआ नजर आ रहा हैं। ऐसा हम नही कह रहे हैं बल्कि कांजी हाउस में मौजूद तस्वीरे बयां कर रही हैं।

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कांजी हाउस में गायों की स्थिति देखकर किसी को भी दया आ जाए। कांजी हाउस में बंद गायों की दुर्दशा देखकर आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि यहां किस तरह से गायों का रख-रखाव किया जा रहा है। दरअसल सड़को पर घूमने वाले अनाथ पशुओ यानी गाय और बछड़ो को सड़कों से उठाकर इस कांजी हाउस में देखभाल करने के उद्देश्य से ही इस कांजी हाउस की नींव रखी गई थी।

बावजूद इसके जिस उद्देश्य से इस कांजी हाउस की शुरुआत की गई थी नगर निगम का सरकारी तंत्र उस उद्देश्य से पूरी तरह मानो भटक गया है। नतीजा आए दिन इस कांजी हाउस में गाय काल के ग्रास में समा रही हैं जिसके चलते कांजी हाउस के समस्त स्टाफ की कार्यशैली पर भी सवालिया निशान लगने लगे हैं। जिन गायों की सेवा के लिए डॉक्टर और कर्मचारियों को तैनात किया गया है उन्हीं की इस लापरवाही के कारण वो तिल-तिल कर दम तोड़ रही हैं। इस वक्त कांजी हाउस में 435 गाय मौजूद हैं।

जिनके खाने पीने का इंतजाम करने के अलावा अन्य सुविधा मुहैया कराने का जिम्मा शहरी विकास विभाग के पास है। जबकि स्थानीय जनता कांजी हाउस में गाय की दुर्दशा और आए दिन होने वाली गाय की मौत से बहुत ज्यादा दुखी हो रहे हैं। इसी क्षेत्र के ही तेजपाल ने कांजी हाउस की आंखों देखी तस्वीर बयां की।

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इस मामले पर देहरादून के मेयर से सवाल किया तो मेयर सुनील उनियाल गामा पहले तो साफ़-साफ़ शब्दों में मुकरते नज़र आये। हालांकि मेयर सुनील उनियाल गामा ने इसे गंभीरता से लेते हुए जांच कराने की बात कही। गौ माता की देखरेख करने वाले स्टाफ में दोषी पाए जाने वाल कर्मचारियों पर कार्रवाई करने का भी भरोसा दिलाया है। यही नहीं मेयर ने गाय माता के संरक्षण के प्रति संकल्पबद्ध होने की बात भी कही।

 

 

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