लाइब्रेरी में ना जानें कितनी किताबों को खा गई दीमक

सिर्फ इस वजह से लाखों की लाइब्रेरी में हजारों किताबों को दीमक चट कर गई। जिला मुख्यालय स्थित सार्वजनिक पुस्तकालय की तीन हजार किताबों पर दीमक लग गया है। लाखों की लागत से बने पुस्तकालय की देखरेख के लिए अधिकारियों और कर्मचारियों की तैनाती नहीं होने से लकड़ी की अलमारियों को भी दीमक ने चट कर दिया है।

दीमक
मायापुर स्थित भल्ला इंटर कॉलेज में सार्वजनिक पुस्तकालय खोला जाना था, लेकिन वर्ष 2009 में रोशनाबाद स्थित मुख्य शिक्षा अधिकारी कार्यालय परिसर में लाखों रुपये की लागत से पुस्तकालय के लिए भवन का निर्माण कराया गया। वर्ष 2011 में पुस्तकालय के लिए फर्नीचर की व्यवस्था की गई।
2012 में देहरादून निदेशालय से पुस्तकालय के लिए कुछ पुस्तकें भेजी गई। इसके बाद भी समय समय पर पुस्तकें आती रहीं, लेकिन पुस्तकालय की देखरेख के लिए पुस्तकालयाध्यक्ष आदि के पद सृजित नहीं किए गए। जिस कारण मुख्य शिक्षा अधिकारी कार्यालय में तैनात कर्मचारियों को ही पुस्तकालय की देखरेख का कार्यभार सौंप दिया गया।

शिक्षा विभाग का ही कार्य अधिक होने के कारण कर्मचारी पुस्तकालय को समय नहीं पा रहे हैं। जिस करण पुस्तकालय देखरेख के अभाव में खस्ताहाल है। वर्तमान में पुस्तकालय में पर्यावरण, विज्ञान, दर्शन, गणित, उपन्यास, कहानी, धार्मिक सहित विभिन्न विषयों की 3 हजार 11 पुस्तकें हैं।

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शहर से 14 किलोमीटर दूर है पुस्तकालय
रोशनाबाद स्थित पुस्तकालय हरिद्वार शहर से लगभग 14 किलोमीटर दूर है। अधिकांश स्कूल और कालेज भी हरिद्वार शहर के आसपास ही हैं। शहर से दूर होने के कारण एक भी पाठक पुस्तकालय नहीं जाता और सुनसान पड़ा रहता है।

मानकों के अनुरूप पुस्तकालय के लिए पुस्तकालय अध्यक्ष एवं अन्य कर्मचारियों के पद सृजित नहीं किए गए हैं। जिस कारण देखरेख नहीं हो पाती। पुस्तकालय का ठीक प्रकार से संचालन के लिए पदों को सृजित किया जाना चाहिए।

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