गोंडा: समाजवादी पार्टी नेता की हत्या, बीजेपी पार्षद समेत 5 के खिलाफ मामला दर्ज
गोंडा जिले में समाजवादी पार्टी के एक नेता की हत्या के आरोप में भाजपा के एक पार्षद और उसके तीन बेटों समेत पांच अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
गोंडा जिले में समाजवादी पार्टी के एक स्थानीय नेता की हत्या कर दी गई है और इस घटना के सिलसिले में एक भाजपा पार्षद, उसके तीन बेटों और एक अन्य व्यक्ति पर मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने बताया कि पीड़ित की पहचान ओम प्रकाश सिंह के रूप में हुई है, जिस पर शुक्रवार रात उसके घर पर धारदार हथियारों से हमला किया गया।पोस्टमार्टम के बाद सिंह का शव उसके परिवार को सौंप दिया गया, जिन्होंने शनिवार सुबह विरोध प्रदर्शन किया और अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया। पुलिस ने बताया कि परिवार ने सिंह का शव सड़क पर रख दिया और कहा कि आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद ही अंतिम संस्कार किया जाएगा।
धारदार हथियार से की गई हत्या
पुलिस के अनुसार, शुक्रवार रात को कुछ लोगों ने परसापुर कस्बे के राजा टोला स्थित उनके घर में घुसकर धारदार हथियार से उन पर हमला कर दिया, जिसके बाद सिंह (45) की हत्या कर दी गई। प्रदर्शन के बाद समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता योगेश प्रताप सिंह, पूर्व विधायक बैजनाथ दुबे और अन्य पार्टी नेता उनके घर पहुंचे और निष्पक्ष एवं तत्काल कार्रवाई की मांग की।
इस बीच, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (पश्चिम) राधेश्याम राय और कर्नलगंज पुलिस क्षेत्राधिकारी चंद्रपाल शर्मा मौके पर पहुंचे और प्रदर्शनकारियों को त्वरित कार्रवाई का आश्वासन दिया, पुलिस ने बताया। उन्होंने बताया कि सिंह के घर के बाहर बड़ी संख्या में भीड़ जमा होने के कारण अतिरिक्त बल बुलाया गया।
परसपुर थाना प्रभारी दिनेश सिंह के अनुसार, सिंह की पत्नी नीलम की शिकायत के आधार पर परसपुर नगर पंचायत के भाजपा पार्षद उदयभान सिंह उर्फ लल्लन सिंह और उनके तीन बेटों सहित पांच लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।
थाना प्रभारी ने बताया कि ओम प्रकाश सिंह इससे पहले सपा के टिकट पर पार्षद पद के लिए नगर पंचायत का चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन भाजपा उम्मीदवार उदयभान सिंह से हार गए थे। नीलम सिंह ने अपनी शिकायत में कहा कि उदयभान और उसके परिवार ने पहले भी दो बार उन पर हमला किया था, जिसमें उनके पति और बेटे की पिटाई की गई थी। स्थानीय पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराने के बावजूद राजनीतिक दबाव के चलते कोई कार्रवाई नहीं की गई।
नीलम ने दावा किया कि इस निष्क्रियता ने आरोपियों को हिम्मत दी, जिसके चलते वे शुक्रवार को उनके घर में घुस आए और उनके पति की हत्या कर दी। उन्होंने कहा कि अगर पुलिस ने उनकी पिछली शिकायतों पर कार्रवाई की होती, तो उनके पति अभी भी जीवित होते।