
 आपने अक्सर किताबों में, इंटरनेट पर ऐतिहासिक जगहों के बारें में पढ़ा होगा. इन जगहों के बारें में पढ़कर अक्सर आपका भी मन ऐसी जगहों पर जाने का करता होगा. लेकिन किसी न किसी कारण की वजह से आप उन जगहों पर नहीं जाते पाते हैं. अगर आप भी ऐतिहासिक जगहों पर जाना चाहते हैं तो आज हम आपको कुछ ऐसी ऐतिहासिक धरोहरों के बारें में बताएंगे, जहां पर आपको वक़्त रहते ही घूम लेना चाहिए.
आपने अक्सर किताबों में, इंटरनेट पर ऐतिहासिक जगहों के बारें में पढ़ा होगा. इन जगहों के बारें में पढ़कर अक्सर आपका भी मन ऐसी जगहों पर जाने का करता होगा. लेकिन किसी न किसी कारण की वजह से आप उन जगहों पर नहीं जाते पाते हैं. अगर आप भी ऐतिहासिक जगहों पर जाना चाहते हैं तो आज हम आपको कुछ ऐसी ऐतिहासिक धरोहरों के बारें में बताएंगे, जहां पर आपको वक़्त रहते ही घूम लेना चाहिए.
भारत की ये ऐसी ऐतिहासिक जगहें हैं जो प्रसिद्ध तो बहुत हैं लेकिन जल्द ही विलुप्त होने वाली हैं. इसी लिए इन जगहों से जल्द ही रूबरू हो जाएं.
शिमला सिविक सेंटर, हिमाचल प्रदेश
ब्रिटिश इंडिया में गर्मियों की राजधानी कहलाये जाने वाले शिमला में अंग्रेज़ों द्वारा बहुत सी खूबसूरत इमारतों का निर्माण कराया गया, जिनमें टेलीग्राफ़ ऑफ़िस, क्राइस्ट चर्च आदि शामिल थे.
राखीगढ़ी, हरियाणा
राखीगढ़ी दुनिया के सबसे बड़े और पुराने सिंधु घाटी सभ्यता के स्थलों में एक है एक समय पहले ये जगह बेहद खूबसूरत हुआ करती थी लेकिन आज के समय में राखीगढ़ी दुनिया के सबसे बड़े और पुराने सिंधु घाटी सभ्यता के स्थलों में एक है
सुन्दरवन, पश्चिम बंगाल
मैन्ग्रोव पेड़ों का जंगल और बंगाल टाइगर को उसके प्राकृतिक रूप में देखने के लिए सुंदरवन डेल्टा दुनिया भर में मशहूर है. पर बढ़ता हुए मानव हस्तक्षेप और ग्लोबल वार्मिंग के कारण बढ़ता जल स्तर इसके लिए ख़तरा बनता जा रहा है.
महमूदाबाद किले की कोठी, उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में स्थित महमूदाबाद के किले में स्थित ये कोठी अवध शिल्प में बनाई गयी इमारतों में से एक है, जिसका निर्माण राजा महमूद खान ने 1677 में करवाया था. इसका काफी हिस्सा 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में नष्ट हो चुका है. अपने गौरवशाली इतिहास को संजो कर रखने वाली ये इमारत आज नष्ट होने के कगार पर पहुंच चुकी है.
राम सेतु, तमिलनाडु
राम सेतु एक ऐसी ऐतिहासिक धरोहर हैं जिसका ज़िक्र वाल्मीकि की रामायण में किया गया है जो काफ़ी प्राचीन है और गहराई में हैं तथा जो 1.5 से 2.5 मीटर तक पतले कोरल और पत्थरों से भरा पड़ा है। इस पुल को राम के निर्देशन पर कोरल चट्टानों और रीफ से बनाया गया था. यह दुनियाभर में काफी मशहूर ब्रीज है. यह भारत के धनुष्कोडी को श्रीलंका के मन्नार द्वीप जोड़ता है. परन्तु दुख की बात है कि यह भी धीरे-धीरे खतरे की कंगार पर है.
 
 





