मुस्लिमों को भारी पड़ेगी मोदी की अनदेखी

एएमयू के कुलपतिअलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति जमीरउद्दीन शाह ने उन कथित मुस्लिम हिमायती लोगों के मुह पर तमाचा जड़ा है जो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मुस्लिमों में नकारात्मक छवि बनाने में लगे हैं।

कुलपति जमीरउद्दीन शाह ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान मोदी सरकार की खुलकर तारीफ करते हुए कहा कि लोगों को यह वास्तविकता स्वीकार कर लेनी चाहिए कि मुसलमानों ने मोदी को अपना लिया है। मुस्लिम समुदाय को मोदी की अनदेखी नहीं करनी चाहिए। अगर ऐसा करते हैं तो यह नुकसानदायक साबित हो सकती है।

एएमयू के कुलपति बोले- मोदी ने बढाया मान

एएमयू के कुलपति ने कहा, “लोगों को भी वास्तविकता स्वीकार करनी चाहिए कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मुसलमानों को अपना लिया है। अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर मोदी के नेतृत्व में भारत का प्रभाव बढ़ा है और यह हम सब देख रहे हैं।”

एएमयू के कुलपति शाह ने कहा, “हमें सर सैयद के विकासोन्मुख रवैए से प्रेरणा हासिल करनी चाहिए। सर सैयद ने भारत के मुसलमानों के विकास के लिए कार्य किया था, जिसके लिए ब्रिटिश सरकार से मेल-मिलाप के आधार पर उनको आलोचना का सामना भी करना पड़ा था।”

उन्होंने कहा कि यह उन्हीं की बदौलत मुमकिन हो सका कि मुसलमानों ने स्वयं पर लादी हुई महरूमियत और मुख्य धारा से जुड़ने में सफलता पाई। उन्हीं के चलते अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की स्थापना हुई।

जमीरउद्दीन शाह ने कहा, “यह आवश्यक है कि हम दूसरों तक यह सन्देश पहुंचाएं कि एएमयू धर्मनिर्पेक्षता, साम्प्रदायिक सौहार्द्र, समग्रता, संयम, उदारता, रवादारी और इस्लामी शिक्षा से ओतप्रोत आधुनिकता से पहचाना जाता है।”

एएमयू के कुलपति ने कहा कि अगर कोई भी आपकी तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाए तो आप क्या करेंगे? क्या उस हाथ को झटक देंगे?

उन्होंने कहा, “प्रत्येक संगठन में मिले-जुले विभिन्न रंग होते हैं। हमें सभी समुदायों के समझदार लोगों से वार्तालाप का दरवाजा खुला रखना चाहिए और मैं इसी पर चल्र रहा हूँ।”

एएमयू के कुलपति जमीरउद्दीन ने कहा, “जो भी मुझे स्वार्थी और आरएसएस का एजेंट बता रहे हैं, उनको जानकारी होनी चाहिए कि जिन व्यक्तियों से विश्वविद्यालय के पक्ष में मामलात प्रभावित हो सकते हैं, हमें अपने स्वाभिमान का सौदा किए बिना उनसे वार्तालाप का दरवाजा खुला रखना चाहिए।”

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