आइजी ने दी आत्महत्या की धमकी, परेशान करने का लगाया आरोप
मुंबई। महाराष्ट्र पुलिस में महानिरीक्षक (आईजी) विठ्ठल जाधव ने सोशल मीडिया में आत्महत्या की धमकी देकर हलचल मचा दी है। उन्होंने खुद को मराठा बताते हुए डीजीपी पर परेशान करने का आरोप लगाया है।
अमरावती क्षेत्र के आइजी जाधव का एक संदेश सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। इसमें उन्होंने डीजीपी सतीश माथुर पर खुद को मानसिक रूप से प्रताडि़त करने का आरोप लगाया है। जाधव का कहना है कि मराठा होने के कारण डीजीपी माथुर उन्हें मानसिक रूप से परेशान कर रहे हैं। इस संदेश में जाधव आत्महत्या की धमकी देते भी दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने कहा है कि ऐसा करने से पहले वह अपने परिवार और मीडिया को डीजीपी के बारे में सारी जानकारी दे देंगे।
सूत्रों के अनुसार गृह विभाग का भी जिम्मा देख रहे मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने डीजीपी को जाधव के विरुद्ध जांच कर उचित कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
क्या है मामला
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, गणेशोत्सव के दौरान उमरखेड़ में हुए तनाव के समय डीजीपी माथुर ने एसआईजी जाधव को कानून व व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी सौंपी थी। उत्सव के दौरान जाधव ने कई जगह शांति समिति की बैठकें लेकर आपसी भाईचारा बनाए रखने की अपील भी की थी। बावजूद इसके उमरखेड़ में तनाव हो गया था। इसी बात से विट्ठल जाधव परेशान चल रहे थे। जानकारी के मुताबिक, रविवार की रात एसआईजी जाधव ने डीजीपी माथुर को मोबाइल पर एक संदेश भेजा। इसमें लिखा था, ”मराठा होने कारण आप मुझे निशाना बना रहे हैं, इस कारण मैं आत्महत्या कर लूंगा और इसके लिए आप (माथुर) जिम्मेदार होंगे।” संदेश में आगे यह भी कहा गया, ”आपकी तरफ से लगातार हो रही अवहेलना सहनशीलता से बाहर हो गई है। आत्महत्या के पूर्व इस बाबत हर बात मैं परिवार के सदस्य और मीडियाकर्मियों से कहूंगा।” यह संदेश सोमवार को वायरल हो गया। इसके बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया।
सूत्रों के मुताबिक, डीजीपी माथुर ने तत्काल जाधव से संपर्क किया लेकिन उनका मोबाइल नॉट रीचेबल आ रहा था। इस कारण उन्होंने जिला पुलिस अधीक्षक को इसकी जानकारी दी। एसपी गौतम और अन्य पुलिस अधिकारी ने कई घंटे के प्रयास के बाद आईजी विट्ठल जाधव को खोज निकाला।
बता दें कि महाराष्ट्र में पिछले कुछ महीनों से मराठा समाज विभिन्न मुद्दों को लेकर आंदोलन कर रहा है। ऐसी स्थिति में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी द्वारा खुद को मराठा होने के कारण प्रताडि़त किए जाने का आरोप लगाया जाना सरकार के लिए मुश्किल खड़ी कर सकता है।