
एआईएमआईएम के अध्यक्ष और हैदराबाद सांसद असदुद्दीन ओवैसी के सुर बदल गए हैं। दो दिन पहले उन्हें आईएस के जिहादी कुत्ते नजर आने लगे थे। अब ओवैसी ने अपनी राजनीति चमकाने के लिए दो हिन्दू लड़कियों को सहारा बनाया है। आज शाम ओवैसी ने दो लड़कियों पर ट्विट किए। इनमें से एक मासूम की सड़क हादसे में मौत हो चुकी है। जबकि दूसरी लड़की से एयरपोर्ट पर इमिग्रेशन वालों ने भारतीय होने का सबूत मांगा था।
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It is i hope that strong action against the rash drivers and their parents https://t.co/fTT4ME8b5F
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) July 10, 2016
असदुद्दीन ओवैसी का पहला ट्विट
चार जुलाई को हैदराबाद में हुए सड़क हादसे में घायल आठ साल की रम्या ने आज दम तोड़ दिया। इस हादसे की वजह तेज रफ्तार थी। जिस कार ने रम्या की गाड़ी को टक्कर मारी, उसमें बैठे लड़के शराब के नशे में थे। ओवैसी ने लड़की की मौत पर ट्विट किया, उम्मीद करता हूं कि पुलिस आरोपियों के खिलाफ सख्त एक्शन लेगी। ओवैसी के इस ट्विट पर प्रियंका ने पूछा कि क्या आप इस लड़की के परिवार को कानूनी मदद देंगे। कुछ दिनों पहले एनआईए ने हैदराबाद ने आईएस के संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया था, जिसके बाद ओवैसी ने कहा था कि वह इन आतंकियों को कानूनी मदद मुहैया कराएंगे।
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https://twitter.com/PriyankaPeshwa/status/752128973606232065?lang=en
Monika Kh, from Manipur, travelling to Seoul. Immigration officer asks her: "pakka Indian Ho?" https://t.co/wXrZu3CKiY @MEAIndia
— K. Majumder (@KunalMajumder) July 10, 2016
दूसरा ट्विट
इसके बाद ओवैसी ने मणिपुर की लड़की मोनिका पर अपना अगला ट्विट किया। लिखा, ‘मणिपुर की मोनिका से पूछा गया कि ‘पक्का इंडियन हो’। वह सियोल से लौट रही थीं।’ ओवैसी ने मोनिका के उस फेसबुक पेज का लिंक भी शेयर किया, जिसमें मोनिका ने अपनी बात लिखी। हालांकि दोनों ही मामलों का ओवैसी से कोई लेना-देना नहीं। इससे पहले भी ऐसी बातें सामने आई हैं, लेकिन ओवैसी कुछ नहीं बोले हैं।
Don't pick up weapons, live for Islam,don't die for Islam,if you want to do jehad that is educating children: Owaisi pic.twitter.com/893cEMnp8f
— ANI (@ANI) July 9, 2016
इससे पहले नौ जुलाई को भी असदुद्दीन ओवैसी के शांतिप्रिय ट्विट देखने को मिले थे। उन्होंने लिखा था, ‘हथियार नहीं उठाओ। इस्लाम के लिए जियो। इस्लाम के लिए मरने की जरूरत नहीं। अगर वाकई में जिहाद करना चाहते हो तो बच्चों को पढ़ाओ।’