इटली के जज ने कहा- नहीं हैं सबूत, पर्रिकर बोले- सबकी जांच होगी
नई दिल्ली। अगस्टा वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाले में अब एक नया मोड़ आया है। इस पर फैसला सुनाने वाले इटली कोर्ट के जज ने कहा है कि अगस्टा वेस्टलैंड घोटाले में जिन भारतीय नेताओं के नाम सामने आए हैं उनके खिलाफ कोई सीधे सबूत नहीं मिले हैं। दरअसल बुधवार को भारतीय संसद में ये मुद्दा बेहद गर्माहट के साथ उठा, साथ ही इस पर काफी तीखी बहस भी हुई। इसके बाद ही इटली कोर्ट के जज का ये बयान सामने आया। वहीं इस पूरे मामले पर रक्षा मंत्री ने कहा कि जिन नेताओं के नाम सामने आए हैं उन सबकी जांच की जाएगी।
अगस्टा वेस्टलैंड पर इटली के जज
इटली कोर्ट के जज मार्को मारिया मैगा ने कहा कि भारतीय नेताओं के खिलाफ ये एक संभावना है लेकिन कोई प्रत्यक्ष सबूत नहीं हैं। मिलान कोर्ट के जज मैगा ने ये बात उस दरमियान कही जब उनसे ये पूछा गया कि क्या वो मानते हैं कि इटली के बिचौलियों ने भारतीय नेताओं को रिश्वत की पेशकश की थी। उन्होंने ये भी कहा कि उनका फैसला सिर्फ अगस्टा वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर डील के वरिष्ठ अधिकारियों और बिचौलियों के खिलाफ था।
इससे पहले बुधवार को अगस्टा वेस्टलैंड डील में कथित घूसकांड के मामले में राज्यसभा में बुधवार को जमकर हंगामा होता रहा। हेलीकाप्टर सौदे को लेकर यूपीए सरकार पर निशाना साधते हुए रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने संसद में कहा कि मौजूदा जांच उन सभी लोगों को केन्द्र में रख कर की जायेगी, जिनका नाम इटली की अदालत के फैसले में आया है।
साथ ही पर्रिकर ने ये भी कहा कि एक अदृश्य हाथ की भूमिका की भी जांच होनी चाहिए जिसने पहले इस मामले की समुचित जांच को रोका। इस मामले पर बोलते हुए रक्षा मंत्री ने सरकार की ओर से पक्ष रखते हुए कहा कि मामले में सारे तथ्य कैग रिपोर्ट पर आधारित हैं। सिंघवी को घेरते हुए पर्रिकर ने कहा कि उनके पास जानकारी का अभाव है, लेकिन वे वकील अच्छे हैं।
पर्रिकर के अनुसार, मार्च 2005 के बाद से एक ही कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए सौदे की शर्तें बदली गईं। उन्होंने कहा कि 2012 में पहली रिपोर्ट में डील पर सवाल उठे और 2014 में सरकार ने कंपनी पर कदम उठाना शुरू किया। पर्रिकर के बयान पर खफा कांग्रेस ने सदन से वॉक आउट कर दिया जिसके बाद राज्यसभा को गुरूवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया।