सातवें चरण के चुनाव में हर सीट पर होगी कांटे की टक्कर…

वाराणसी जिले की दो विधानसभा समेत 5 विस सीटों को मिलाकर बनी इस सीट पर सबकी नजर है। यहां से मौजूदा सांसद व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय फिर मैदान में हैं। उनका मुकाबला दो गठबंधन के उम्मीदवारों से है। सपा-बसपा गठबंधन से संजय चौहान हैं तो जन अधिकार पार्टी के चुनाव चिह्न पर चुनाव लड़ रहीं पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा की पत्नी शिवकन्या कुशवाहा का समर्थन कांग्रेस कर रही है।

महेंद्र नाथ पांडेय

भाजपा की प्रतिष्ठा बरकरार रखने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को तो केंद्रीय गृहमंत्री और जिले के मूल निवासी राजनाथ सिंह सभा कर चुके हैं। उनके नामांकन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य आए थे। वहीं, दोनों गठबंधन अपने-अपने बडे़ नेताओं की सभाएं करा चुके हैं।

यहां मुद्दों की कोई चर्चा नहीं हो रही है। इस सीट पर वैसे, राजभर बिरादरी की भाजपा से नाराजगी और सुभासपा का प्रत्याशी उनके राह में रोड़े अटका रहा है। पिछले चुनाव में 2.57 लाख वोट पाने वाले बसपा प्रत्याशी अनिल मौर्य अब भाजपा में हैं। शिवकन्या पिछले चुनाव में गाजीपुर से प्रत्याशी थीं। तब उन्हें भाजपा के मनोज सिन्हा के 3.06 लाख के मुकाबले 2.74 लाख वोट मिले थे।

संसदीय क्षेत्र की 4 विधानसभा सीटें भाजपा की हैं। फिर भी हकीकत यह है कि आधारशिला रखे जाने के बावजूद ट्रॉमा सेंटर का निर्माण अब तक शुरू नहीं हो सका है। राजनीतिक खींचतान में राजकीय मेडिकल कॉलेज मिर्जापुर चला गया। पड़ाव स्थित गन्ना शोध संस्थान की जमीन पर पंडित दीनदयाल म्यूजियम की आधारशिला रखी गई, लेकिन शोध संस्थान की जमीन हाथ से निकल गई। इसके बाद इनकी कहीं चर्चा नहीं है।

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सकलडीहा के दुकानदार रामसुमेर कहते हैं कि मोदी को दोबारा मौका मिलना चाहिए। वे डॉ. पांडेय का नाम नहीं लेते हैं, लेकिन उन्हें उम्मीद है कि अगली सरकार उनकी जीवनशैली को बेहतर बनाने के लिए कुछ और कदम उठाएगी। भाजपा इसे सुखद संकेत मान सकती है कि कुछ और लोग साफ कहते हैं कि बिजली, पानी और शिक्षा के क्षेत्र में काम हुआ है। उज्ज्वला और आयुष्मान योजना का लाभ भी मिल रहा है।

हालांकि गरीब अगड़ों को 10 फीसदी आरक्षण देने से खफा चहनिया निवासी उत्तम मौर्या कहते हैं कि वर्षों से खराब चहनिया-सकलडीहा सड़क चुनाव के समय बननी शुरू हुई। वे गठबंधन प्रत्याशी को मौका देने की बात कहते हैं। मुगलसराय सब्जी मंडी के डॉ. राज पांडेय, संजय श्रीवास्तव, वीरेंद्र यादव कहते हैं कि मथुरा के पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर मुगलसराय स्टेशन का नाम तो बदल दिया गया, लेकिन पूर्व पीएम लालबहादुर शास्त्री, जिनकी जन्मस्थली चंदौली है, उनके नाम पर लाइब्रेरी तक नहीं खुल पाई।

2014 का परिणाम 
प्रत्याशी                      पार्टी           वोट
डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय      भाजपा     4,14,135
अनिल मौर्य                 बसपा       2,57,399
रामकिशुन यादव          सपा          2,04,145
तरुण चंद्र पटेल           कांग्रेस        27,194
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सक्रियता के साथ उपेक्षा की भी चर्चा
स्थानीय लोग समस्याओं के साथ महेंद्रनाथ पांडेय की सक्रियता की चर्चा भी करते हैं। कहते हैं, डॉ. पांडेय अपने क्षेत्र में बिजली, पानी और स्कूल की समस्या को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लेकर विभागीय मंत्रियों को न सिर्फ फोन करते हैं- चिट्ठी लिखते हैं, बल्कि काम कराने के लिए समय नहीं देखते। हालांकि लोग यह भी कहते हैं कि महिला डिग्री कॉलेज का 90 फीसदी काम सपा सरकार में ही पूरा हो गया था, लेकिन दुर्भावना के चलते इसे चलाया नहीं गया।

राजपूत जिधर जाते हैं, असर पड़ता है
जिले की राजनीति में सांसद किसी भी जाति का रहा हो, इसे बनाने-बिगाड़ने में राजपूत नेताओं और मतदाताओं की भूमिका अग्रणी रहती है। यही कारण है कि रामकिशुन यादव का टिकट काटने के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने राजपूतों को लामबंद करने के लिए सैयदराजा से 2012 में विधायक रहे मनोज सिंह डब्ल्यू को राष्ट्रीय सचिव बना दिया। वहीं, भाजपा ने चोलापुर (अजगरा विधानसभा क्षेत्र) निवासी बसपा के पूर्व एमएलसी विनीत सिंह को अपने पक्ष में कर मास्टर स्ट्रोक खेल दिया है। सुशील सिंह सैयदराजा और साधना सिंह मुगलसराय से भाजपा विधायक हैं।

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