लखनऊ। विधानसभा चुनाव से ठीक पहले समाजवादी पार्टी में मचे घमासान के बाद अब दो फाड़ पूरी तरह से हो गए हैं। पारिवारिक कलह के बाद लोगों में यह उम्मीद थी कि बाप-बेटे की यह लड़ाई ख़त्म हो ही जाएगी। कहीं न कहीं ख़बरों में यह भी मामला आ रहा था कि यह सब एक सियासी चाल है। जिससे समाजवादी पार्टी सुर्खियों में बनी रहे। फिलहाल चुनाव चिन्ह को लेकर पैदा हुए विवाद का नतीजा सामने आ गया है। चुनाव आयोग ने साइकिल की गद्दी पर अखिलेश यादव को बिठा दिया है। यानी कि वैधानिक रूप से चिन्ह साइकिल सीएम अखिलेश का हो गया है।
साइकिल सीएम अखिलेश की
वहीं इससे पहले मुलायम सिंह यादव ने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए खुली घोषणा की थी कि अगर सीएम अखिलेश यादव उनकी बात नही मानते हैं तो वह उनके खिलाफ चुनाव मैदान में उतरेंगे।
इस दौरान भावुक हुए मुलायम ने कहा कि मैंने अखिलेश को तीन बार बुलाया लेकिन वह नही आए। आज भी फोन किया पर नहीं आया। क्या किसी ने सोचा था कि मेरा बेटा मेरे साथ ऐसा करेगा। उन्होंने कहा कि अब कोई समझौता नही होगा, अखिलेश विरोधियों के हाथों में खेल रहे हैं। उन्होंने रामगोपाल यादव पर हमला बोलते हुए कहा कि उन्होंने पार्टी को बर्बाद करने में कोई कसर नही छोड़ी है। अखिलेश उनके हाथ का खिलौना बन चुके हैं। उन्होंने सीएम अखिलेश पर मुस्लिमों की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने टिकट बंटवारे में अल्पसंख्यकों को न के बराबर हिस्सेदारी दी है।
मुलायम ने पार्टी कार्यकर्ताओं को चुनाव तैयारियों में जुट जाने का आह्वान करते हुए पार्टी का साथ देने की अपील की। इस दौरान उन्होंने मुस्लिम धर्मगुरूओं से भी उनके पक्ष में रहने की बात की।