
लखनऊ। विदेश में हनीमून का सपना चकनाचूर होने के बाद एक प्रतिष्ठित ट्रेवल एजेंसी के खिलाफ आवाज उठाने वाले दंपती को आखिरकार राहत मिली। कंपनी ने टुअर के लिए उनसे वसूले गए एक लाख 75 हजार रुपये वापस कर दिए।
अपने हक के लिए दंपती ने साइबर क्राइम सेल व पुलिस का सहारा लिया था। पुलिस के मुताबिक दंपती के विदेश में ठहरने व स्थानीय यात्रा करने की व्यवस्थाएं निम्न स्तर की थीं, जिसके आधार पर वीजा रद कर दिया गया था।
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राजधानी के नवदंपती निजी कंपनी में नौकरी करते हैं। शादी के बाद दोनों ने विदेश में हनीमून मनाने का सपना संजोया था। इसे पूरा करने के लिए दोनों ने अक्टूबर 2016 में मुंबई स्थित एक प्रतिष्ठित ट्रेवल एजेंसी से संपर्क किया था।
ईस्ट यूरोपियन धमाका के तहत दंपती को तीन देशों की यात्रा कराने की बात कही गई। इसके लिए दंपती ने कई किस्तों में करीब एक लाख 75 हजार रुपये का भुगतान किया था, लेकिन ऐन मौके पर उनका वीजा कैंसिल हो गया था। जिससे दंपती हनीमून के लिए विदेश नहीं जा सके थे।
दंपती ने दो अगस्त को पूरे मामले की शिकायत साइबर क्राइम सेल में की थी। मामले की जांच के दौरान सेल के अधिकारियों ने कंपनी के अधिकारियों से संपर्क किया था।
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बाद में 17 अगस्त को दंपती की तहरीर पर हजरतगंज कोतवाली में धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज की गई थी। दंपती के मुताबिक पुलिस के कंपनी को नोटिस भेजने पर उनके अधिकारियों ने संपर्क किया। तब कंपनी ने पुलिस के समक्ष दंपती से की और उन्हें एक लाख 75 हजार रुपये का भुगतान किया।