यहाँ घरवाले खुद बुजुर्गों को उतारते हैं मौत के घाट, तरीका जानकर उड़ जायेंगे आपके होश…
वैसे तो भारत को परंपराओं और संस्कृतियों का देश कहा जाता है, लेकिन ये कभी-कभी ऐसी परंपराएं सुनने को मिलती हैं, जो हैरान कर देती हैं। सिर्फ भारत में ही नहीं, दुनिया के कई देशों में ऐसी परंपराएं है, जिनके बारे में जानकर हैरत होती है।
ऐसी ही एक परंपरा तमिलनाडु की ‘ठलाईकूठल’ है। गैरकानूनी तरीके से आज भी यह परंपरा तमिलनाडु के कई दक्षिणी जिलों में जारी है। ये लोग पुलिस से छिपकर ऐसा काम करते हैं।
क्या है ‘ठलाईकूठल’ परंपरा ?
ठलाईकूठल एक खौफनाक परंपरा है, जिसके तहत घर के ही लोग बुजुर्गों को अपने हाथों से मौत के घाट उतार देते हैं। इस दौरान गांव के सभी लोग मौजूद रहते हैं।
ये मौत किसी उत्सव से कम नहीं होती। हैरानी की बात ये है कि बैन के बावजूद चोरी-छिपे तमिलनाडु में ये परंपरा निभाई जाती है।
कब की जाती है बुजुर्गों की हत्या?
जब बुर्जुर्ग कोई काम करने में सक्षम न हों, घरवालों को लगे कि अब ये सिर्फ बोझ बनकर रह गए हैं। या उन्हें कोई लाइलाज बीमारी हो गई हो। गरीबी की वजह से किसी बुजु्र्ग का इलाज न करवाया जा सके।
यही नहीं अगर किसी के पास बुजुर्ग की सेवा करने का समय न हो तो भी उसे मार दिया जा सकता है। ये सब सिर्फ परंपरा के नाम होता है।
बेहद खौफनाक है बुजुर्गों को मारने के तरीके
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बता दें, इन बुजुर्गों को मारने के तरीके इससे भी खतरनाक हैं। जानकारी के मुताबिक, बुजुर्ग को मारने के लिए मिट्टी मिला हुआ पानी तब तक पिलाया जाता है, जब तक उसकी मौत न हो जाए।
इसके अलावा गर्म तेल से नहलाने के बाद दर्जनों ग्लास नारियल पानी पिलाया जाता है, इससे गुर्दे खराब हो जाते हैं और जल्द ही बुज़ुर्ग की मौत हो जाती है।
इसके अलावा ठंडे पानी से नहलाकर गर्म दूध पिलाया जाता है, जिससे हार्ट अटैक आ जाए।