मोदी सरकार का मास्टर प्लान, GST-नोटबंदी के बाद अगली बारी कश्मीर की

मोदी सरकारकश्मीर। जम्मू-कश्मीर से आतंकवाद को जड़ से खत्म करने के लिए मोदी सरकार ने कमर कस ली है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश के बाद सुरक्षाबलों ने आतंकवादियों के खिलाफ आक्रामक मुहिम छेड़ने का फैसला किया है। इसके अलावा, दक्षिणी कश्मीर में सक्रिय लश्कर और हिज्बुल जैसे संगठनों में जाने की कोशिश कर रहे लोगों को रोकने के लिए भी बड़े स्तर पर प्रयास किए जाएंगे।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सुरक्षा एजेंसियों से कहा है कि वे आतंकियों को मिल रहे स्थानीय जनसमर्थन से निपटने के लिए ठोस रणनीति बनाएं। बता दें कि हाल के वक्त में आतंकियों के खिलाफ सुरक्षाबलों के एनकाउंटर में लोकल बाशिंदों की ओर से बाधा डालने के कई मामले सामने आ चुके हैं।

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ये लोग सुरक्षाबलों पर पथराव करते हैं, जिसकी वजह से आतंकियों को बचकर निकल जाने का मौका मिल जाता है। स्थानीय लोग आतंकवादियों को पनाह देने के अलावा अन्य किस्म की मदद भी कर रहे हैं, जिसकी वजह से गृह मंत्रालय काफी चिंतित है।

बता दें कि केंद्र सरकार का ताजा सख्त रुख ऐसे वक्त में सामने आया है, जब हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि सरकार के पास कश्मीर मुद्दे का ‘स्थाई हल’ निकालने के लिए ‘ठोस रणनीति’ है। आतंकवाद से निपटने के लिए अब केंद्र सरकार ने तीन सूत्री रणनीति अपनाई है। ये हैं- आतंकियों के खिलाफ जोरदार अभियान, लेखकों और पत्रकारों पर लगाम और अलगाववादियों पर सख्ती।

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केंद्र सरकार राज्य के गवर्नर एनएन वोहरा से कह सकती है कि वह आतंकियों के खिलाफ अभियानों की सीधी निगरानी करें। इसके अलावा, सुरक्षा एजेंसियां सूबे की सीएम महबूबा मुफ़्ती को तभी जानकारी देंगी, जब आतंकियों के खिलाफ एनकाउंटर छेड़ना हो। बता दें कि सीएम के पास ही राज्य का गृह विभाग है। इसके अलावा, वह सुरक्षा एजेंसियों के यूनिफाइड हेडक्वॉर्टर की मुखिया भी हैं।

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