यूनियन कार्बाइड संयंत्र स्थल बनेगा ‘भोपाल मेमोरियल’

मध्यप्रदेश की राजधानीभोपाल| मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में वर्ष 1984 में हुई सबसे बड़ी औद्योगिक त्रासदी का कारण बने यूनियन कार्बाइड संयंत्र स्थल को लगभग 180 करोड़ रुपये की लागत से हिरोशिमा की तर्ज पर ‘भोपाल मेमोरियल’ में बदला जाएगा। राज्य के गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विश्वास सारंग ने रविवार को यूनियन कार्बाइड का निरीक्षण किया।

इस मौके पर उन्होंने संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा कि भोपाल गैस कांड जैसी भयावह त्रासदी को भविष्य में रोकने और आने वाली पीढ़ी को सचेत करने के लिए यूनियन कार्बाइड संयंत्र को हिरोशिमा की तर्ज पर भोपाल मेमोरियल बनाया जाएगा।

वर्ष 1984 में दो-तीन दिसंबर की दम्यानी रात जहरीली गैस के रिसाव ने हजारों लोगों को मौत की नींद सुला दिया था। उस हादसे के दुष्प्रभाव आज भी नजर आते हैं। हादसे के बाद जन्मी पीढ़ियां बीमारियों का शिकार हैं, बच्चे अपंग पैदा हो रहे हैं। वहीं संयंत्र स्थल पर तीन दशक बाद भी रासायनिक कचरा जमा है और इलाका वीरान पड़ा है।

राज्यमंत्री सारंग ने कहा कि यूनियन कार्बाइड संयंत्र को मेमोरियल के रूप में विकसित करने के लिए इसका खाका तैयार कर लिया गया है। अगले दो या तीन माह में इस पर अमल शुरू हो जाएगा।

सारंग ने कहा कि कार्बाइड संयंत्र स्थल पर पड़े जहरीले कचरे को हटाने का काम भी शुरू हो गया है। प्रयोग के तौर पर पीथमपुर स्थित रामकी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने 10 टन कचरे को हटाने का काम सफलतापूर्वक किया है। बाकी बचे कचरे को ठिकाने लगाने के लिए वे केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण मंडल से आग्रह करेंगे।

उन्होंने आगे कहा कि अब समय आ गया है कि ऐसी त्रासदी भविष्य में न हो, इसके लिए हम लोगों को न केवल जागरूक करें, बल्कि इसे एक सबक के रूप में लें। गैस पीड़ितों को इस त्रासदी के कारण जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई तो संभव नहीं है लेकिन उनको न्याय मिले, इस दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं।

सारंग ने कहा कि हाल ही में उन्होंने गैस पीड़ितों के सामाजिक, आर्थिक और स्वास्थ्य संबंधी पुनर्वास को लेकर एक अध्ययन कराया है। इसके आधार पर शीघ्र ही एक कार्ययोजना पर काम शुरू किया जाएगा।

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