मकर संक्रांति के दिन नहीं करने चाहिए ये 9 काम,वरना सदा के लिए दूर हो जाएगी लक्ष्मी
सूर्य का किसी राशि विशेष पर भ्रमण करना संक्रांति कहलाता है. सूर्य जब मकर राशि में जाता है तब मकर संक्रांति होती है. इस समय सूर्य उत्तरायण होता है अतः इस समय किये गए जप और दान का फल अनंत गुना होता है.
सूर्य और शनि का सम्बन्ध इस पर्व से होने के कारण यह काफी महत्वपूर्ण है. कहते हैं इसी त्यौहार पर सूर्य अपने पुत्र शनि से मिलने के लिए आते हैं. आम तौर पर शुक्र का उदय भी लगभग इसी समय होता है इसलिए यहाँ से शुभ कार्यों की शुरुआत होती है.
मकर संक्रांति में जहां कुछ कामों को करना शुभ माना गया है तो वहीं कुछ कार्यों को वर्जित किया गया है. आइए जानते हैं इस दिन भूलकर भी कौन से काम नहीं करने चाहिए…
कुछ लोग सुबह उठते ही चाय और स्नैक्स खाना शुरू कर देते हैं लेकिन शुभ दिन ऐसा ना करें. इस दिन बिना स्नान किए भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए. मान्यता है कि इस दिन गंगा या किसी नदी में जाकर स्नान करना चाहिए इसलिए गंगा या पवित्र नदी ना सही लेकिन कम से कम घर पर स्नान जरूर करना चाहिए।
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मकर संक्रांति प्रकृति के साथ जश्न मनाने का पर्व है. इस दिन घर के अंदर या बाहर किसी पेड़ की कटाई-छंटाई भी नहीं करनी चाहिए.
मकर संक्रांति के दिन आप किसी भी तरह का नशा नहीं करें. शराब, सिगरेट, गुटका आदि जैसे सेवन से आपको बचना चाहिए. इस दिन मसालेदार भोजन का सेवन नही करना चाहिए. इस दिन तिल, मूंग दाल की खिचड़ी इत्यादि का सेवन करना चाहिए और इन सब चीजों का यथाशक्ति दान करना चाहिए.
अगर सूर्य देव की कृपा पाना चाहते हैं तो संध्या काल में अन्न का सेवन न करें. सूर्योदय और सूर्यास्त के समय पूजा-पाठ करें.
मकर संक्रांति के दिन गाय या भैंस का दूध नहीं दुहना चाहिए.
मकर संक्रांति के दिन अगर कोई भी आपके घर पर भिखारी, साधु या बुजुर्ग आए तो उसे खाली हाथ ना लौटा दें. जो अपनी सामर्थ्य के अनुसार कुछ ना कुछ दान अवश्य करें.
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इस दिन भूलकर भी लहसुन, प्याज और मांस का सेवन नहीं करना चाहिए. मकर संक्रांति का पर्व सादगी के साथ मनाना चाहिए. खाने में भी सात्विकता का पालन करें.
यह प्रकृति का त्योहार है और हरियाली का उत्सव. अत: इस दिन फसल काटने के काम को टाल देना चाहिए.
मकर संक्रांति के दिन अपनी वाणी पर संयम रखें और गुस्सा ना करें. किसी को बुरे बोल ना बोले सबके साथ मधुरता का व्यवहार करें.