मंदी के दौर पर भारतीय स्टेट बैंक ला रहा हैं अपने ग्राहकों के लिए सबसे बड़ा तोहफा…

देश  में कारोबारी दुनिया आजकल मंदी के दौर से गुजर रही हैं. वहीं इस त्यौहार सीजन में भारतीय स्टेट बैंक अपने ग्राहकों के लिए एक बड़ा तोहाफा दे रहा हैं. वहीं इससे ग्राहकों को अच्छा लाभ मिलें वाला हैं. इस नियम की शुरुआत 1 अक्टूबर से प्रारंभ होने वाली हैं.

 

खबरों के मुताबिक एसबीआई ने रेपो रेट को इन सभी लोन के लिए एक्सटर्नल बेंचमार्क मानने का फैसला किया है. इसके पहले इस साल जुलाई में भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने एक बड़ी पहल करते हुए ब्याज दरों में पारदर्शिता की मिसाल पेश की थी.

करीना ने दी करिश्मा को अपनी भांजी की इस आदत से छुटकारा पाने की सलाह

देखा जाये तो SBI ने 1 जुलाई से अपने होम लोन की ब्याज दरों को रेपो दर से जोड़ने का फैसला किया था. बैंक अपने अल्पकालिक कर्ज और बड़ी जमा राशि की ब्याज दरों को रेपो दर से पहले ही जोड़ चुका.

गत 4 सितंबर को रिजर्व बैंक ने सभी बैंकों से कहा था कि वे अपने नए फ्लोटिंग रेट वाले पर्सनल या रिटेल लोन को एक्सटर्नल बेंचमार्क रेट से जोड़ें. एसबीआई ने एक बयान में कहा है, ‘हमने यह तय किया है कि फ्लोटिंग रेट वाले सभी एमएसएमई, हाउसिंग और रिटेल लोन को 1 अक्टूबर से एक्सटर्नल बेंचमार्क से जोड़ेंगे.’

रिजर्व बैंक ने बैंकों को यह विकल्प भी दिया था कि वे फ्लोटिंग लोन दरों को रेपो रेट या तीन माह व छह माह के ट्रेजरी बिल या फाइनेंशियल बेंचमार्क्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (FBIL) द्वारा प्रकाशित किसी भी बेंचमार्क दर के आधार पर रखें.

दरअसल SBI का रेपो-लिंक्ड लेंडिंग रेट (RLLR) रिजर्व बैंक के के रेपो रेट से करीब 2.25 फीसदी ऊपर रहता है. अभी रेपो रेट 5.40 फीसदी है तो SBI का RLLR 7.65 फीसदी है. इसके अलावा RLLR से ऊपर 0.40 फीसदी और 0.55 फीसदी का स्प्रेड होता है. इस हिसाब से नए होम लोन ग्राहक सालाना 8.05 फीसदी या 8.20 फीसदी पर होम लोन पा सकते हैं.

LIVE TV