
दुनिया में कई तरह की सभ्यता और संस्कृति के लोग रहते हैं. ये सभी लोग अलग-अलग तरह की परंपराओं और रीति-रिवाजों को मानते हैं. इन लोगों को ये परंपराएं निभाने में संकोच नहीं होता है. लेकिन इनकी रीति-रिवाजों को कई लोग अजीब या गलत मानते हैं. ऐसी ही एक परंपरा का पालन बांग्लादेश की मंडी जनजाति के लोग सालों से करते आ रहे हैं, जो अन्य लोगों के लिए बेहद गलत है. इस जनजति में बाप बेटी से शादी कर लेता है. इस जनजाति में अपनी बेटी को विदा नहीं किया जाता.
मंडी जनजाति भारत और बांग्लादेश के कुछ हिस्सों में रहती है. इस समुदाय के लोगो की संख्या बीस लाख के करीब है. इस जनजाति को ‘गारो’ के नाम से भी जाना जाता है.
बाप बेटी से शादी कर लेता…
अन्य देशों में एक बाप अपनी बेटी की शादी कर उसे अपने ससुराल विदा करता है यह परंपरा सालों से निभाई जा रही है.
मंडी जनजाति की बेटियां अपने पिता के साथ ही शादी के सपने संजोती हैं.
मंडी जनजाति समुदाय के अनुसार, कम उम्र का पति नई पत्नी और उसकी बेटी का भी पति बनकर दोनों को लंबे समय तक सुरक्षा दे सकता है. माँ-बेटी दोनों एक दूसरे की सौतन बन जाती है. इसके बाद माँ-बेटी के बीच रिश्ते पहले जैसे नहीं रहते है.
इस परम्परा के पीछे उनका तर्क है कि जब किसी महिला का पति कम उम्र में मर जाता है. तब ऐसी स्थिति में महिला को अपने ही खानदान के किसी कम उम्र के आदमी से विवाह करना पड़ता है. इस शादी में माँ के साथ उसकी बेटी की भी शादी कर दी जाती है. माँ और बेटी दोनों एक ही मंडप में एक ही दुल्हे से शादी करती हैं.