बद्रीनाथ धाम :  खुल गए कपाट, यहां जानें बद्री की महिमा !

बद्रीनाथ धाम के कपाट शुक्रवार को ब्रह्ममुहूर्त में सवा 4 बजे श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए. चार धामों में से एक ब्रद्रीनाथ धाम भगवान विष्णु का निवास स्थल है. बद्रीनाथ से जुड़ी बहुत सी कथाएं यहां प्रचलित हैं. पुराणों और धर्म ग्रंथों में भी इस मंदिर की महिमा का वर्णन किया जाता है. आइए जानते हैं बद्रीनाथ मंदिर से जुड़ी कुछ खास बातें.

श्री विशाल बद्री की महिमा-

-बद्रीनाथ धाम में श्री बद्रीनारायण के पांच स्वरूपों की पूजा अर्चना होती है.

-श्री विष्णु के इन पांच रूपों को ‘पंच बद्री’ के नाम से जाना जाता है.

-बद्रीनाथ के मुख्य मंदिर के अलावा अन्य चार बद्रियों के मंदिर भी यहां स्थापित है.

-श्री विशाल बद्री पंच बद्रियों में से मुख्य है.

-इनकी देव स्तुति का पुराणों में विशेष वर्णन किया जाता है.

-यहां श्री योगध्यान बद्री, श्री भविष्य बद्री, श्री वृद्घ बद्री, श्री आदि बद्री मौजूद हैं

-माना जाता है कि इन सभी रूपों में भगवान बद्रीनाथ यहां निवास करते हैँ.

 

श्री बद्रीनाथ का आशीर्वाद पाने के लिए हर साल भक्त बद्री विशाल के मंदिर में दर्शन के लिए बड़ी संख्या में यहां पहुंचते हैं. आज से अगले 6 महीने तक अब श्री बद्रीनारायण यहां भक्तों को दर्शन देंगे. माना जाता है भगवान बद्रीनाथ के दर्शन मात्र से भक्तों के कष्ट दूर हो जाते हैं.

 

जगत पालनहर श्रीहरि विष्णु का ये पवित्र धाम बद्रीनारायण मंदिर आस्था और विश्वास का महासंगम माना जाता है. यहां दर्शन के लिए आए भक्तों को जरूर पता होनी चाहिए ये बातें-

-बद्रीनाथ धाम में पहले दिन मुख्य दर्शन अखंड ज्योति के ही मान्य होते हैं.

-अखंड ज्योति को देखने भक्त देश के कोने कोने से बद्रीनाथ धाम पहुंचते हैं.

-बद्रीविशाल के साथ अखंड ज्योति शीतकाल में भी जलती रहती है.

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-ऐसी मान्यता है कि बद्रीनाथ में शीतकाल में भी देवताओं द्वारा पूजा की जाती है. पुराणों में लिखा है कि बद्रीनाथ में 6 माह मनुष्य पूजा करेंगे और 6 माह देवता पूजा करेंगे मान्यता है कि शीतकाल में रावल जी की जगह नारद जी धाम के मुख्य पुजारी होते हैं.

-नारद जी प्रतिदिन मां लक्ष्मी और बद्रीनाथ जी की पूजा अर्चना करते हैं.

 

माना जाता है कि भगवान विष्णु की कृपा पाने का एक आसान रास्ता बद्रीनाथ से होकर जाता है. ऐसी मान्यता है कि जो भी भक्त श्री हरि विष्णु की कृपा पाने के लिए पूरी श्रद्धा से बद्रीनाथ पहुंचते हैं. भगवान विष्णु उनकी हर मनोकामना पूरी करते हैं.

बद्रीनाथ धाम की महिमा और महत्व –

-ये चार धाम में से एक प्रमुख धाम माना जाता है.

-ये हिमालय की पर्वत श्रेणी में अलकनंदा नदी के तट पर स्थित है.

-यहां पर जंगली बेरियां बहुतायात में मिलती हैं. उन्हीं के नाम पर इस स्थान का नाम बदरीनाथ रखा गया.

-ये मुख्य रूप से भगवान विष्णु का मंदिर है.

-यहां नर और नारायण की उपासना की जाती है.

-ये मंदिर तीन भागों में विभाजित है- गर्भगृह, दर्शनमण्डप और सभामण्डप.

 

श्री हरि विष्णु के धाम बद्रीनाथ मंदिर की ये है खासियत-

-मंदिर परिसर में 15 मूर्तियां हैं, इनमें सब से प्रमुख है भगवान विष्णु की मूर्ति.

-भगवान की मूर्ति 1 मीटर ऊंची काले पत्थर की है.

-यहां भगवान विष्णु ध्यान मग्न मुद्रा में सुशोभित हैं.

– भगवान विष्णु के दाहिने ओर कुबेर लक्ष्मी और नारायण की मूर्तियां मौजूद हैं.

 

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