फिदेल कास्त्रो के 90वें जन्मदिवस पर बीजिंग में चित्र प्रदर्शनी

फिदेल कास्त्रो बीजिंग। क्यूबा के क्रांतिकारी नेता फिदेल कास्त्रो के 90वें जन्मदिवस पर चीन की राजधानी स्थित कैपिटल लाइब्रेरी ऑफ चाइना में मंगलवार को एक फोटो प्रदर्शनी का आयोजन किया गया।  इस प्रदर्शनी की मेजबानी चीन के संस्कृति मंत्रालय तथा चीन में क्यूबा के दूतावास ने संयुक्त रूप से की।

फिदेल कास्त्रो के जीवन भर के प्रयास को दिखाया 

प्रदर्शनी में दो वीडियो क्लिप्स तथा 87 तस्वीरों का प्रदर्शन किया गया है जो रॉबटरे चिली, अल्बटरे कोरदा, राउल कोरालेस, लिबोरियो नोवाल जैसे फोटग्राफरों द्वारा ली गईं हैं। कुछ तस्वीरें तो 50 साल से ज्यादा पुरानी हैं। यह प्रदर्शनी क्यूबा की क्रांति के लिए कास्त्रो के जीवन भर के प्रयास तथा चीन व क्यूबा के लंबे संबंधों को दर्शाती है।

कौन है फिदेल कास्त्रो

क्यूबा के एक राजनीतिज्ञ और क्यूबा की क्रांति के प्राथमिक नेताओं में से एक है, जो फ़रवरी 1959 से दिसम्बर 1976 तक क्यूबा के प्रधानमंत्री और फिर क्यूबा की राज्य परिषद के अध्यक्ष (राष्ट्रपति) रहे, उन्होंने फरवरी 2008 में अपने पद से इस्तीफा दिया. फ़िलहाल वे क्यूबा की कम्युनिस्ट पार्टी के प्रथम सचिव हैं।

वे एक अमीर परिवार में पैदा हुए और कानून की डिग्री प्राप्त की  जबकि हवाना विश्वविद्यालय में अध्ययन करते हुए उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरूआत की और क्यूबा की राजनीति में एक मान्यता प्राप्त व्यक्ति बन गए। उनका राजनीतिक जीवन फुल्गेंकियो बतिस्ता शासन और संयुक्त राज्य अमेरिकाका क्यूबा के राष्ट्रहित में राजनीतिक और कारपोरेट कंपनियों के प्रभाव के आलोचक रहा है। उन्हें एक उत्साही, लेकिन सीमित, समर्थक मिले और उन्होंने अधिकारियों का ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने मोंकाडा बैरकों पर 1953 में असफल हमले का नेतृत्व किया जिसके बाद वे गिरफ्तार हो गए, उन पर मुकदमा चला, वे जेल में रहे और बाद में रिहा कर दिए गए। इसके बाद बतिस्ता के क्यूबा पर हमले के लिए लोगों को संगठित और प्रशिक्षित करने के लिए वे मैक्सिको के लिए रवाना हुए। वे और उनके क्रांतिकारी साथियों ने दिसम्बर 1956 में मेक्सिको छोड़ दिया और पूर्वी क्यूबा के लिए चल पड़े।

कास्त्रो क्यूबा की क्रांति के जरिये अमेरिका समर्थित फुल्गेंकियो बतिस्ता की तानाशाही को उखाड़ फेंक सत्ता में आये और उसके बाद शीघ्र ही क्यूबा के प्रधानमंत्री बने। 1965 में वे क्यूबा की कम्युनिस्ट पार्टी के प्रथम सचिव बन गए और क्यूबा को एक-दलीय समाजवादी गणतंत्र बनाने में नेतृत्व दिया। 1976 में वे राज्य परिषद और मंत्रिपरिषद के अध्यक्ष (राष्ट्रपति) बन गए। उन्होंने क्यूबा के सशस्त्र बलों के कमांडर इन चीफ का पद भी अपने पास ही रखा। कास्त्रो द्वारा तानाशाही की आलोचना के बावजूद उन्हें एक तानाशाह के रूप में ही चित्रित किया गया।

पाचन क्रिया में एक अज्ञात पाचन बीमारी के लिए आंतों की सर्जरी से डाईवरटीकलटिस हो जाने से कास्त्रो ने अपने पहले उपराष्ट्रपति राउल कास्त्रो, जो उनके छोटे भाई हैं, को 31 जुलाई 2006 के दिन अपनी जिम्मेदारियां हस्तांतरित कर दीं। अपने जनादेश के समाप्त होने के पांच दिन पहले 19 फ़रवरी 2008 को उन्होंने घोषणा की कि वे फिर से राष्ट्रपति और कमांडर इन चीफ नहीं बनना चाहते हैं। 24 फ़रवरी 2008 को नेशनल असेंब्ली ने राउल कास्त्रो को क्यूबा के राष्ट्रपति के रूप में निर्वाचित किया।

LIVE TV