ट्रंप के इस दांव को नहीं समझ पाए पीएम मोदी, अब देश भुगतेगा सजा!

पीएम मोदी की गलतीश्रीनगर। आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन को हाल ही में अमेरिका ने ‘अंतर्राष्ट्रीय आतंकी समूह’ घोषित किया। अमेरिका के इस कदम को जहां दुनिया में खूब सराहा जा रहा है, वहीं देश में कई लोग इस कदम को भविष्य में आने वाले बड़े खतरे की नज़र से देख रहे हैं। वहीं एक्सपर्ट भी इस पहलू को गंभीर बता रहे हैं।

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लोगों का कहना है कि शायद ही हिजबुल मुजाहिद्दीन पर इसका कोई असर पड़ेगा। करीब 400 आतंकियों के दस्ते वाला हिजबुल मुजाहिद्दीन अमेरिका के इस कदम का कश्मीर में फायदा भी उठा सकता है।

इस मामले में एक्सपर्ट्स का कहना है कि मुस्लिम बाहुल्य घाटी में ऐंटी-अमेरिका सेंटिमेंट्स होने की वजह से इस प्रतिबंध के दूसरे ही नतीजे सामने आ सकते हैं।

ध्यान देने वाली बात है कि पिछले वर्षों में पैसे और विचार को लेकर हुए आंतरिक टकराव ने हिजबुल को झटका दिया है।

इसके अलावा दूसरे आतंकी समूहों जैसे जेकेएलएफ द्वारा 1994 में हथियार का रास्ता छोड़ने का भी असर देखने को मिला था। इसके बावजूद हिजबुल घाटी में न केवल सक्रिय बना रहा बल्कि उसे स्थानीय समर्थन भी मिलता रहा।

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खुफिया सूत्रों का भी कहना है कि हिजबुल पर अमेरिकी प्रतिबंधों का घाटी में मामूली असर ही देखने को मिलेगा।

सूत्रों का कहना है कि घाटी में हिजबुल कैडर्स में पत्थरबाज और हार्डकोर मुस्लिम कट्टरपंथी शामिल हैं।

वहीं एक वरिष्ठ खुफिया अधिकारी ने कहा कि चरमपंथियों का मानना है कि वे हिंदू इंडिया के खिलाफ जिहाद कर रहे हैं।

हिजबुल को घाटी में अभी भी जनसमर्थन हासिल है। मुखबिरी के चुनिंदा मामलों को छोड़ दें तो हिजबुल के आतंकी अभी भी घाटी के गांवों में शरण, भोजन और दूसरी सुविधाएं हासिल कर रहे हैं।

हुर्रियत के एक टॉप अलगाववादी नेता ने एक समाचार पत्र को बताया कि सैयद सलाहुद्दीन अब सीधे पीओके और साउथ कश्मीर से हिजबुल को चला रहा है।

कश्मीर के मुख्य राजनीतिक दल जैसे पीडीपी, नैशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस भी हिजबुल के खिलाफ हुई इस कार्रवाई को खास असरदार नहीं मान रहे हैं।

राजनीति दल भी इसे महज सांकेतिक कूटनीतिक कार्रवाई के तौर पर देख रहे हैं, जिसका शायद ही हिजबुल पर असर पड़े।

नेशनल कॉन्फ्रेंस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री नासिर असलम वानी का मानना है कि इस कदम से हिजबुल को झटके की बजाय वैधता ही मिलेगी।

उनके मुताबिक कश्मीर की मुस्लिम बाहुल्य आबादी में अमेरिका को लेकर नफरत है। मुस्लिम अमेरिका को फिलिस्तीन समस्या और अन्य मुस्लिम देशों में युद्ध के लिए जिम्मेदार मानते हैं।

हालांकि बीजेपी अमेरिका की इस कार्रवाई को अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की जीत के साथ जोड़कर देख रही है।

बीजेपी के साथ गठबंधन की वजह से पीडीपी इस मसले पर आधिकारिक तौर पर बोलने से बच रही है।

पीडीपी के एक टॉप पदाधिकारी का कहना है कि नए कमांडर रियाज नाइकू के अधीन हिजबुल के करीब 100 घरेलू आतंकी पाकिस्तान की आईएसआई की कठपुतली जैसे हैं। ऐसे में अमेरिकी कार्रवाई का कोई असर उनकी फंडिंग या दूसरी चीजों पर नहीं पड़ेगा।

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