पालघर केस:जूनियर वकील दिग्विजय त्रिवेदी की मौत पर उठे कई सवाल…

मुंबई।महाराष्ट्र का पालघर लिचिंग  केस एक बार फिर चर्चा का विषय बन गया है.साधुओं का केस लड़ रहे वकील के सहयोगी दिग्विजय त्रिवेदी की सड़क हादसे में दर्दनाक मौत हो गई है।आपको बता दें कि यह हादसा बुधवार को मुंबई-अहमदाबाद हाइवे पर हुआ, जब दिग्विजय त्रिवेदी अपनी कार से कोर्ट की ओर जा रहे थे. दिग्विजय त्रिवेदी की मौत पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के प्रवक्ता संबित पात्रा ने सवाल उठाए हैं और जांच की मांग की है।

दिग्विजय त्रिवेदी नाम के वकील अपनी एक जूनियर सहयोगी के साथ मुंबई से डहानू जा रहे थे. मुंबई-अहमदाबाद हाईवे पर कार अचानक सड़क हादसे का शिकार हो गई. कार को चला रहे वकील दिग्विजय त्रिवेदी की मौके पर ही मौत हो गई जबकि कार में सवार उनकी महिला सहकर्मी बुरी तरह घायल हो गई।

बताया जा रहा है कि दिग्विजय त्रिवेदी पालघर मामले की डहानू कोर्ट में चल रही सुनवाई में हिस्सा लेने के लिए जा रहे थे. इस केस में वो मुख्य वकील पीएम ओझा के साथ जूनियर की हैसियत से जुड़े थे. हालांकि पालघर साधु लिंचिंग मामले के मुख्य वकील पीएन ओझा का कहना है कि दिग्विजय त्रिवेदी इस केस में वकील नहीं थे।

ना ही उनका वीएचपी, बजरंगदल या बीजेपी से कोई सम्बन्ध था. वो जूनियर वकील थे और उन्हें सीखने की इच्छा थी इसीलिए इस केस में जुड़े थे. पीएन ओझा ने दिग्विज त्रिवेदी की दुर्घटना में किसी तरह की साज़िश से फिलहाल इंकार किया और कहा कि जब तक जांच नहीं हो जाती कुछ भी कहना ठीक नहीं होगा।

पालघर संतों के संग लिंचिंग मामले के मुख्य वकील पीएन ओझा ने इस बात की जानकारी दी है कि “अभी तक मैं ये नहीं कह सकता हूं कि इसमें कोई षडयंत्र हुआ है या कोई साज़िश के तहत ये एक्सीडेंट हुआ है. जब तक जो गाड़ी है उसका इन्सपेक्शन नहीं होता है, उसकी रिपोर्ट नहीं आती है. तब तक इस पर हम कुछ नहीं कह सकते हैं. हमारे साथी भी कुछ नहीं कह सकते हैं.”

भाजपा ने की सड़क हादसा मामले के जांच की मांग-जूनियर वकील की दुर्घटना के बाद बीजेपी ने जांच की मांग की है…बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने ट्वीट कर कहा है कि “पालघर में संतों की हत्या मामले में विश्व हिंदू परिषद के वकील दिग्विजय त्रिवेदी की सड़क हादसे में मौत हो गई. यह खबर विचलित करने वाली है. क्या ये केवल संयोग है कि जिन लोगों ने पालघर मामले को उठाया उनपर या तो कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने हमला किया या एफआईआर कराया. खैर ये जांच का विषय है.”

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बीजेपी सांसद विनय सहस्त्रबुद्धे ने भी जांच की मांग की है. उन्होंने ट्वीट किया, “ये चौंकाने वाला है और इसकी जांच होनी चाहिए. मैं महाराष्ट्र के डीजीपी और मुख्यमंत्री से इस मामले की जांच के आदेश देने की मांग करता हूं.”

 

दो साधुओं और उनके ड्राइवर की हुई थी हत्या

गौरतलब है कि कि अप्रैल महीने में पालघर के गड़चिनचले गांव में भीड़ ने दो साधुओं और उनके ड्राइवर की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी. भीड़ के हत्थे चढ़े साधु मुंबई के जोगेश्वरी पूर्व स्थित हनुमान मंदिर के थे. ये साधु मुंबई से सूरत अपने गुरु के अंतिम संस्कार में जा रहे थे.

इस मामले में 100 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. आरोपियों की संख्या 141 हो गई है जिसमें 10 नाबालिग बताए जा रहे है. नाबालिग आरोपियों को बाल सुधार गृह में रखा गया है।

 

 

 

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