वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आजादी से चले आ रहे ब्रीफकेस के ट्रेंड को खत्म कर दिया। इससे पहले वे परंपरा तोड़ते हुए ब्रीफकेस की जगह एक फोल्डर में बजट लेकर निकलीं।

कई परंपराओं को तोड़ा
मोदी सरकार इससे पहले कई परंपराओं को बजट में तोड़ चुकी है। पहले रेल बजट को खत्म किया था, इसके बाद बजट को पेश करने की तारीख को बदला और अब ब्रीफकेस में बजट को ले जाने की परंपरा को भी खत्म कर दिया है।
अब तक बजट पेश करने से पहले वित्त मंत्री एक ब्रीफकेस में ही बजट लेकर संसद पहुंचते थे। सीतारमण बजट को इसके बजाए लाल रंग के सीलबंद कवर पैक में इसको ले जाते हुए दिखी।
यह है देश का बहीखाता
मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति ने कहा कि यह बहीखाता है, जिसे आज भी कई व्यापारी अपने कारोबार में इस्तेमाल करते हैं। बही खाता हमारे पुराने जमाने की वर्षों से चली आ रही है। देश के पहले वित्त मंत्री आरके चेट्टी ने भी बजट को ब्रीफकेस में ले जाने की परंपरा को शुरू किया था। हालांकि मोरारजी देसाई और कृष्णमचारी बजट को फाइल में लेकर के गए थे।