पतंजलि आयुर्वेदिक मेडिसिन के इस्तेमाल से, मिल सकता है सर से पैर तक की समस्यओं से छुटकारा

इस पोस्ट में नीचे दी गई बिमारियों के इलाज हेतू पतंजलि आयुर्वेदिक मेडिसिन की जानकारी दी गयी है | साथ ही यह भी बताया गया है की इन औषधियों का सेवन कैसे करें और क्या परहेज रखें | इस लेख में निम्नलिखित बीमारियों के लिए आयुर्वेदिक औषधियां बताई गई है |

पतंजलि आयुर्वेदिक मेडिसिन के इस्तेमाल से, मिल सकता है सर से पैर तक की समस्यओं से छुटकारा
  • बालों को बढ़ाने के लिए
  • नींद ना आने, अनिद्रा
  • नासार्श नाक के बढे हुए मांस Nasal Polyps
  • नकसीर (Epistaxis)
  • मुंह के छाले (Stomatitis)
  • Dry eye syndromes, computer vision syndrome
  • तुण्डीकेरी शोथ (Acute Tonsilitis)
  • वेरीकोज वेन
  • बच्चो के रोगों का इलाज (बुखार, उलटी-दस्त, जुकाम, कमजोरी तथा हड्डियों में दर्द )
  • बच्चों में सूखा रोग (Rickets)

बालों को बढ़ाने के लिए पतंजलि आयुर्वेदिक मेडिसिन

  • काले तिल का चूर्ण – 100 ग्राम
  • भूगराज चूर्ण – 100 ग्राम
  • दिव्य आमलकी रसायन – 200 ग्राम
  • दिव्य मुक्ता शुक्ति – 10 ग्राम
  • दिव्य सप्तामृत लौह – 20 ग्राम
  • धात्री लौह – – 10 ग्राम

सभी औषधों को मिलाकर 60 पुड़िया बनाएं। प्रात: एवं सायं भोजन से आधा घण्टा पहले जल/शहद या दूध से सेवन करें। इसके प्रयोग से बाल लम्बे होते हैं तथा नेत्र-विकारों में भी लाभ होता है। इसके साथ दिव्य केश तैल तथा पतंजलि हेयर क्लींजर का प्रयोग करने से विशेष लाभ होता है।

नींद ना आने, अनिद्रा के इलाज के लिए पतंजलि आयुर्वेदिक मेडिसिन

  • दिव्य मेधा क्वाथ – 300 ग्राम

1 चम्मच औषध को 400 मिली पानी में पकाएं और 100 मिली शेष रहने पर छानकर | प्रात: सायं खाली पेट पियें।

  • दिव्य मेधा वटी – 40 ग्राम
  • दिव्य ब्राह्मी वटी- 40 ग्राम

1-1 गोली दिन में 3 बार प्रात: नाश्ते दोपहर-भोजन एवं सायं भोजन के आधे घण्टे बाद गुनगुने जल से सेवन करें।

  • दिव्य सारस्वतारिष्ट – 450 मिली

4 चम्मच औषध में 4 चम्मच पानी मिलाकर प्रात: एवं सायं भोजन के बाद सेवन करें।

नासार्श नाक के बढे हुए मांस Nasal Polyps  के इलाज के लिए पतंजलि आयुर्वेदिक मेडिसिन

  • दिव्य अर्शकल्प वटी – 40 ग्राम

2–2 गोली प्रात: एवं सायं खाली पेट गुनगुने जल से सेवन करें।

  • दिव्य कांचनार गुग्गुलु – 40 ग्राम
  • दिव्य चन्द्रप्रभावटी – 40 ग्राम

2–2 गोली प्रात: एवं सायं खाने के बाद गुनगुने जल से सेवन करें। नोट-षडबिन्दु तैल का नस्य लेने से विशेष लाभ होता है।

नकसीर (नासागत रक्तपित्त/Epistaxis) के इलाज के लिए पतंजलि आयुर्वेदिक मेडिसिन

  • दिव्य उशीराष्सव – 450 मिली

4 चम्मच औषध में 4 चम्मच पानी मिलाकर प्रात: एवं सायं भोजन के बाद सेवन करें।

  • दिव्य अविष्पत्तिकर चूर्ण – 100 ग्राम
  • दिव्य गिलोय सत् – 20 ग्राम
  • दिव्य प्रवाल पिष्टी – 10 ग्राम
  • दिव्य मुक्ताशुक्ति – 10 ग्राम

सभी औषधियों को मिलाकर 1-1 चम्मच प्रात: एवं सायं भोजन से आधा घण्टा पहले जल/शहद/मलाई से सेवन करें। नोट-उपरोक्त औषधियों के साथ दूर्वा-स्वरस या पीपलपत्र-स्वरस को 4-4 बूंद नाक में डालने से नकसीर रोग में भी विशेष लाभ होता है।

मुखपाक, मुंह के छाले (Stomatitis) के इलाज के लिए पतंजलि आयुर्वेदिक मेडिसिन

  • दिव्य अविष्पक्तिकर चूर्ण – 100 ग्राम
  • दिव्य आमलकी रसायन – 100 ग्राम
  • दिव्य प्रवाल पिष्टी – 10 ग्राम
  • दिव्य मुक्ताशुक्ति – 10 ग्राम

सभी औषधियों को मिलाकर 1-1 चम्मच प्रात: एवं सायं जल के साथ सेवन करें। नोट-आधा चम्मच घी में स्फटिक और टंकण भस्म मिलाकर मुख के छालों पर लगाने से विशेष लाभ होता है। जामुन तथा अमरूद के पत्तों को जल में उबालकर, छान लें। छाने हुए गुनगुने जल में थोड़ा सैंधा नमक मिलाकर गरारा करने से भी लाभ होता है।

Dry eye syndromes, computer vision syndrome के इलाज के लिए पतंजलि आयुर्वेदिक मेडिसिन  

  • दिव्य आमलकी रसायन- 200 ग्राम
  • दिव्य सप्तामृत लौह – 20 ग्राम
  • दिव्य रजतं भस्म – 1 ग्राम

1 ग्राम सभी औषधियों को मिलाकर 1-1 चम्मच प्रात: एवं सायं शहद के साथ सेवन करें।

  • दिव्य महात्रिफलादि धृत- 100 ग्राम

1/2 चम्मच प्रात: एवं साय भोजन के साथ सेवन करें।

  • दिव्य बादाम रोगन – 100 मिली

2-2 बूंद नाक में डालने से (नस्य लेने से) लाभ होता है।

तुण्डीकेरी शोथ (Acute Tonsilitis) के इलाज के लिए पतंजलि आयुर्वेदिक मेडिसिन

  • दिव्य त्रिकटु चूर्ण – 25 ग्राम
  • दिव्य सितोपलादि चूर्णं – 25 ग्राम
  • दिव्यं टंकणं भस्म – 10 ग्राम
  • दिव्य गोदन्ती भस्म – 10 ग्राम

सभी औषधों को मिलाकर 40 पुड़िया बनाएं। प्रतिदिन 2 या 3 बार भोजन से आधा घण्टा पहले जल/शहद/मलाई से सेवन करें।

  • दिव्य त्रिफला गुग्गुलु – 60 ग्राम
  • दिव्य वृद्धिवाधिका वटी – 40 ग्राम

1-1 गोली दिन में 3 बार प्रात: नाश्ते, दोपहर-भोजन एवं सायं भोजन के आधे घण्टे बाद गुनगुने जल से सेवन करें।

  • दिव्य खदिरादि वटी – 40 ग्राम

2-2 गोली प्रात: एवं सायं चूसने से विशेष लाभ होता है।

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वेरीकोज वेन की चिकित्सा के इलाज के लिए पतंजलि आयुर्वेदिक मेडिसिन

  • दिव्य सर्वकल्प क्वाथ – 200 ग्राम
  • दिव्य कायाकल्प क्वाथ – 100 ग्राम

दोनों औषधियों को मिलाकर 1 चम्मच (लगभग 5-7 ग्राम) की मात्रा में लेकर 400 मिली पानी में पकाएं 100 मिली शेष रहने पर प्रात: एवं सायं छानकर खाली पेट पिएं। (इस क्वाथ के साथ कायाकल्प वटी 2-2 गोली प्रात: एवं सायं सेवन करने से विशेष लाभ होता है।

  • दिव्य रसामाणिक्य – 3 ग्राम
  • दिव्य गिलोय सत् – 10 ग्राम
  • दिव्य प्रवाल पंचामृत – 5 ग्राम
  • दिव्य मुक्ता पिष्टी – 4 ग्राम
  • दिव्य कहरवा पिष्टी- 10 ग्राम

सभी औषधों को मिलाकर 60 पुड़िया बनाएं। प्रात: एवं सायं भोजन से आधा घण्टा पहले जल/शहद/मलाई से सेवन करें।

  • दिव्य कैशोर गुग्गुलु – 60 ग्राम
  • दिव्य आरोग्यवर्धिनी वटी- 40 ग्राम
  • दिव्य वृद्धिवाधिका वटी – 40 ग्राम

1-1 गोली दिन में 3 बार प्रात: नाश्ते, दोपहर-भोजन एवं सायं भोजन के आधे घण्टे बाद गुनगुने जल से सेवन करें।

बच्चो के रोगों का इलाज पतंजलि आयुर्वेदिक मेडिसिन

बच्चों में होने वाले बुखार, उलटी-दस्त, जुकाम, कमजोरी तथा हड्डियों के दर्द में अत्यन्त लाभकारी उपचार

  • दिव्य त्रिकटुच्चूर्ण – 10 ग्राम
  • दिव्य सितोपलादि च्चूर्णं – 20 ग्राम
  • दिव्य संजीवनी वटी – 10 ग्राम
  • दिव्य अभ्रक भस्म – 5 ग्राम
  • दिव्य गोदन्ती भस्म – 5 ग्राम
  • दिव्य प्रवाल पिष्टी – 5 ग्राम

सभी औषधों को मिलाकर बालक की उम्र के 120, 90 या 60 पुडिया बनाकर प्रात: एवं सायं माता के दूध के साथ या शहद के साथ सेवन कराएं। उपरोक्त औषध में आवश्यकतानुसार दिव्य कुमारकल्याण रस (1 ग्राम) मिलाया जा सकता है।

  • दिव्य अरविन्दासव – 225 मिली

1-1 या 2-2 चम्मच औषधि में समभाग जल मिलाकर प्रात:-सायं उम्र के अनुसार सेवन कराएं।

बच्चों में सूखा रोग (Rickets) के इलाज के लिए पतंजलि आयुर्वेदिक मेडिसिन

  • दिव्य मुक्ता पिष्टी – 4 ग्राम
  • दिव्य प्रवाल पिष्टी – 10 ग्राम
  • दिव्य गिलोय सत् – 10 ग्राम
  • दिव्य सितोपलादि च्चूर्णं 20 ग्राम
  • दिव्य गोदन्ती भस्म – 5 ग्राम
  • दिव्य मण्डूर भस्म – 5 ग्राम
  • दिव्य व्झुमारकल्याण रस – 1 ग्राम

सभी औषधियों को मिलाकर बालक की उम्र के अनुसार 120, 90 या 60 पुड़िया बनाकर प्रात: एवं सायं माता के दूध के साथ या शहद के साथ सेवन कराएं।

  • दिव्य अरविन्दासव – 225 मिली

1-1 या 2-2 चम्मच प्रात: एवं सायं उम्र के अनुसार सेवन कराएं।

  • दिव्य अश्वगन्धा चूर्ण – 100 ग्राम

आधा चम्मच या उम्र के अनुसार प्रात: एवं सायं सेवन कराएं।

  • दिव्य बादाम पाक – 500 ग्राम

1 चम्मच औषधि रात्रि में दूध के साथ सेवन कराएं।

Reference – इस पोस्ट में बताई गई पतंजलि आयुर्वेद दवाओ की सारी जानकारी बाबा रामदेव जी के दिव्य आश्रम प्रकाशन की पुस्तक (आचार्य बाल कृष्ण द्वारा लिखित “औषधि दर्शन”, मई 2016 का 25 वें संस्करण से ली गई है)

Disclaimer – यह जानकारी केवल आपके ज्ञान वर्धन और जागरूकता के लिए है | बिना चिकित्सक के परामर्श के दवाइयों का सेवन नहीं करना चाहिए |

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