टिक-टॉक और वीडियो गेम के बिना नहीं रहता आपका बच्चा,तो हो जाइए सावधान!

आज के समय में सभी व्यक्ति अपना अधिकतर समय सोशल मीडिया पर बिता रहा हैं। इसलिए छोटे बच्चों की जिन्दगी में इसका इस्तेमाल बढ़ता ही जा रहा है। सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने वाले बच्चों पर एक विशेष रिसर्च किया गया है जिसके बारे में जानने के बाद शायद आपकी चिंता बढ़ जाए।सोशल मीडिया

यूनिवर्सिटी ऑफ मोंट्रियाल द्वारा किए गए एक रिसर्च में सामने आया है कि सोशल मीडिया और टेलीविजन की वजह से बच्चे डिप्रेशन का शिकार हो रहे हैं. इस डिप्रेशन की वजह से छात्र खुद तक ही सीमित होते जा रहे हैं. शोध में पाया गया कि टीनएजर्स रोजाना औसतन 9 घंटे ऑनलाइन बिता रहे हैं और इसका असर उनकी सेहत पर पड़ रहा है।

ऐसे रखें बच्चों का ख्याल-यूनिवर्सिटी ऑफ मोंट्रियाल के शोधकर्ताओं का कहना है कि बच्चों से जुड़े इस रिसर्च के बाद उनका ध्यान रखना जरूरी हो गया है. अगर आप भी सोशल मीडिया के कारण होने वाले डिप्रेशन से अपने बच्चों को बचाना चाहते हैं तो उनकी दैनिक गतिविधियों को ट्रैक करना शुरू कर दीजिए. इसके अलावा कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर दिन की एक्टिविटी को मॉनिटर करने की सुविधा भी दी गई है, जिससे आप सोशल मीडिया पर बिताए उनके टाइम को नोटिस कर सकते हैं।

डिप्रेशन के कारण बढ़ रही घटनाएं-बता दें कि डिप्रेशन और अन्य दिमागी बीमारियां टीनएजर्स के लिए और भी खतरनाक बनती जा रही हैं. एक शोध के मुताबिक हर 100 मिनट यानी एक घंटे 40 मिनट में एक टीनएजर आत्महत्या कर रहा है. ज्यादातर टीनएजर डिप्रेशन के कारण ही आत्महत्या करते हैं।

4000 छात्रों पर चार साल तक हुआ रिसर्च-ये शोध चार साल तक 4000 छात्रों पर किया गया है. 12 से 16 साल की उम्र के छात्रों के ऊपर यह शोध आधारित है. शोधकर्ताओं ने देखा कि छात्र हर साल उसके पिछले साल की तुलना में ज्यादा समय सोशल मीडिया और टीवी के साथ बिता रहे हैं. साल दर साल उनमें डिप्रेशन भी बढ़ता देखा गया।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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