जिंदगी को बेहतर तरीके से जीने के लिए अवश्य अपनाएं गीता के इन 5 उपदेशों को…

भगवान कृष्ण की लीलाओं के बारे में तो सभी जानते हैं। पुराणों में भगवान कृष्ण की बाल लीलाओं से लेकर कुरुक्षेत्र के मैंदन तक कई कथाओं का वरर्ण मिल जाता है। मगर, महाभारत के युद्ध के दौरान भगवान कृष्ण ने पांडव अर्जुन को जो उपदेश दिए वह आम लोगों की जिंदगी में भी कितना असर डालते हैं यह बात बहुत कम लोग ही समझ पाते हैं।
जिंदगी को बेहतर तरीके से जीने के लिए अवश्य अपनाएं गीता के इन 5 उपदेशों को...
इन उपदेशों को श्रीमद्भ्गवत गीता में पढ़ा जा सकता है। इस किताब में श्री कृष्ण के बताएं उपदेशों को अगर आप अपने जीवन में लाने की कोशिश करती हैं तो आपको कई फायदे मिलेंगे। चलिए आज हमे आपको ऐसे ही 5 महत्वपूर्ण उपदेशों के बारे में बताते हैं।

नहीं मिलती खुशी

कुछ लोग होते हैं जिन्हें हमेशा लगता है कि लोग उनके विषय में ही बातें कर रहे हैं। वह यह सोच कर हमेशा परेशान भी रहते हैं कि लोग उन्हें पसंद नहीं करते। मगर, वस्तविकता कुछ और ही होती है। ऐसे लोग संदेह करने के आदी होतें।

पति पत्नी में भी कई बार ऐसी स्थिति आती हैं जाब उन्हें एक दूसरे पर संदेह होता हे। गीता में बताया गया है कि जो व्यक्ति किसी पर संदेह करता है वह कभी भी सुखी नहीं रहता। उसके मन हमेशा शंका बनी रहती हैं जो उसे परेशान करती रहती है। वह बेशकर कुछ काम कर रहा हो मगर शंका उसे किसी बीमारी की तरह हर वक्त दुख पहुंचाती रहती है।

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3 नरक के द्वार

आम जीवन में हम हमेशा ही मोक्ष और नरक की बात करते हैं। मगर क्या आपने कभी स्वर्ग या नरक देखा है? यह हमारी मनास्थिति ही है जो हमे स्वर्ग और नरक का अनुभव कराती हैं। मगर, आपको किसी चीज का लोभ है या फिर आपको बहुत गुस्सा आता है या फिर आप वासना के शिकार हैं तो जान लें कि यह तीनों ही नरक के द्वार हैं।

जहां लालच आपको अपनों से दूर करता है वहीं क्रोध आपको रोगी बनाता है और आपके बनते कामों को बिगाड़ता है। इतना ही नहीं वासना आपको मनुष्य ही नहीं रहने देती जिससे आपका नरक में जाना निश्चित हो जाता है।

न करें कभी शोक

क्या आपको पता है कि आपको शोक कब करना है? शायद नहीं। अमूमन लोग तब शोक करते हैं जब, वह किसी ऐसी चीज को खो देते हैं जिसका नष्ट होना तय होता है। ऐसी चीजों पर शोक मनाने का क्या फायदा जिनका नष्ट होना तय है। गीता के उपदेशों में यह बात बताई गई है कि कोई मनुष्य अमर नहीं है।

सभी की मृत्यु तय है। इसलिए किसी के दुनिया को अलविदा कहने पर शोक न मनाएं। शोक उन चीजों का मनाएं जो आपके हाथों में होने के बावजूद आप उन्हें नहीं बचा पाते हैं।

करें अच्छे काम

आज के समय में अधुनिकता लोगों पर हावी है। इसके बावजूद लोग इससे वह फायदा नहीं उठा पा रहे जो वह उठा सकते हैं। क्योंकि बुद्धीमान लोग आज भी बहुत कम हैं। अगर आपक समझदार हैं तो बहुत जरूरी है कि आपको अपने साथ वालों को भी समझ देनी चाहिए।

इसके सा ही आप सबका भला नहीं कर सकते मगर, इस भावना को मन में रखेंगे तो आप किसी एक का भला जरूर कर सकेंगे।

मिल जाते हैं भगवान

गीता का पंचवा सबसे महत्वपूर्ण उपदेश यह है कि जो व्यक्ति मृत्यु के समय ईश्वर को याद करता है और उसके मन में सभी के लिए अच्छे भाव होते हैं वह हमेशा ईश्वर को प्राप्त करता है। अगर मन में विश्वास और श्रद्धा है तो आपको ईश्वर की प्राप्ती जरूर होगी।

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