
रिपोर्ट- KARANDEEP SINGH
जम्मू कश्मीर राज्य से पर्यटकों सहित श्रद्धालुओं को वापस बुला लेना और सुरक्षाबलों की भारी तैनाती जम्मू कश्मीर राज्य में होने का माजरा किसी को भी नहीं आ रहा समझ, सिर्फ लगाए जा रहे अटकलें कि कुछ जम्मू कश्मीर में बड़ा होने वाला है।
जम्मू कश्मीर राज्य के हालातों के ऊपर सिर्फ और सिर्फ अटकलें लगाए जा रहे हैं, लेकिन फिलहाल यह कह पाना मुश्किल होगा कि जम्मू-कश्मीर में आने वाले दिनों में क्या कुछ होने वाला है।
लेकिन जिस तरह से जवानों की तैनाती जम्मू कश्मीर राज्य में बढ़ाई जाना और सभी पर्यटकों को घाटी छोड़ने का निर्देश देना यह कहीं ना कहीं जम्मू कश्मीर के लोगों को माजरा समझ नहीं आ रहा और सत्ताधारी पार्टी भाजपा द्वारा बैठकों के ऊपर बैठके करना यह भी उनको कहीं ना कहीं परेशानी में डाल रहा है।
फिलहाल लोगों द्वारा अटकलें यह लगाए जा रहे हैं कि जम्मू कश्मीर राज्य में धारा 370 और अनुच्छेद 35a को लेकर केंद्र सरकार कोई बड़ी नीति अपनाने वाली है जिसको लेकर जम्मू कश्मीर राज्य में भारी सुरक्षा बलों की तैनाती कर दी गई है लेकिन फिलहाल यह क्या पाना भी मुश्किल होगा कि केंद्र सरकार जम्मू कश्मीर राज्य में धारा 370 और अनुच्छेद 35a को लेकर क्या फैसला लेने वाली है या किसी बड़े आतंकी हमले को लेकर के जम्मू कश्मीर राज्य में भारी सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है।
घाटी में जिस तरह से हर दिन पर्यटकों का जमावड़ा देखा जाता था अब वह पर्यटक हब सुनसान नजर आ रहे हैं जिसको लेकर व्यापारी वर्ग भी काफी निराश नजर आ रहा है पेट्रोल पंप पर पेट्रोल मिलना बंद हो चुका है ।
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इसके साथ-साथ सभी व्यापारी वर्ग से जुड़े हुए लोगों के चेहरों पर साफ तौर पर निराशा देखी जा रही है क्योंकि उनका खाना पीना पर्यटकों के ऊपर ही निर्भर था लेकिन जब से पर्यटकों को घाटी छोड़ने का निर्देश जारी किया गया है तब से व्यापारी वर्ग के साथ जुड़े हुए लोगों के चेहरों पर रोनक नहीं देखी जा रही है।