कैपिटल में हुई हिंसा में फंसे राष्ट्रपति ट्रंप के पास बाहर निकलने का क्या है रास्ता, क्या वह जेल जाएंगे
अमेरिका की राजनीति में पिछले 200 वर्षों के इतिहास में जो नहीं हुआ, वह राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में हुआ। अमेरिकी संसद के बाहर हुई हिंसा के लिए ट्रंप को कसुरवार को ठहराया गया। 6 जनवरी की तारीख अमेरिका की राजनीति में एक काले अध्याय के रूप में दर्ज हो चुका है।ऐसे में ट्रंप पर न सिर्फ महाभियोग की तलवार लटकी है, बल्कि इस हिंसक विरोध प्रदर्शन को लेकर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई का खतरा भी उत्पन्न हुआ है। ऐसे में सवाल यह पैदा होता है कि अब ट्रंप का क्या होगा ? क्या व्हाइट हाउस के बाद उनका नया ठिकाना जेल होगा ? ट्रंप पर आपराधिक मामले के तहत कार्रवाई के संकेत हैं। उन पर महाभियोग की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा रहा है। ऐसे में राष्ट्रपति ट्रंप के पास बचने के क्या उपाय हो सकते हैं। आखिर क्या कहते हैं विशेषज्ञ।
प्रो. हर्ष पंत (आबसर्वर रिसर्च फाउंडेशन) का कहना है कि ट्रंप के पास अपने को माफ करने का अधिकार है। उनका कहना है कि अगर अमेरिकी राष्ट्रपति दूसरे का माफ कर सकता है तो वह अपने आप को भी माफ कर सकता है। हालांकि, प्रो पंत यह कहते हैं कि अमेरिका के इतिहास में कभी किसी राष्ट्रपति ने इस प्रकार के अधिकारों का इस्तेमाल नहीं किया है। इसलिए वह इस पर संशय प्रकट करते हैं। उन्होंने कहा कि अगर ट्रंप के खिलाफ आपराधिक मामला बनता है तो यह मामला सुप्रीम कोर्ट में जाएगा। इस पर सुप्रीम कोर्ट का निर्णय अहम होगा कि वह अमेरिकी राष्ट्रपति के इस फैसले को किस रूप में परिभाषित करता है। फिलहाल वह इस रास्ते की ओर इशारा जरूर करते हैं। बता दें कि कैपिटल हिल में बवाल के बाद व्हाइट हाउस के कानूनी सलाहकार पैट सिपोलोन ने ट्रंप से कहा कि दंगा भड़काने को लेकर उन्हें कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। इसके बाद यह बहस तेज हो गई है कि आखिर इस कार्रवाई से ट्रंप कैसे बच सकते हैं।
प्रो. हर्ष पंत का कहना है कि राष्ट्रपति ट्रंप महाभियोग की प्रक्रिया से बच सकते हैं। इसके लिए उन्होंने तकनीकी कारणों का हवाला दिया। प्रो पंत ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप का कार्यकाल महज एक सप्ताह है। कम समय होने के कारण यह कार्यवाही अप्रासंगिक हो सकती है। दूसरे, उन्होंने कहा कि सदन में गणित के गुणा-भाग से भी महाभियोग का खतरा टल सकता है। हालांकि, उन्होंने कहा पद से हटने के बाद उन पर आपराधिक मामला दर्ज हो सकता है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसद इसके लिए पूरी तरह तैयार हैं। वे संसद पर हमले के लिए भीड़ को उकसाने के आरोप में महाभियोग की तैयारी कर रहे हैं।
ट्रंप के उकसावे पर गत बुधवार को हजारों समर्थकों ने कैपिटल कहे जाने वाले संसद परिसर पर हमला किया था। करीब चार घंटे चले उपद्रव के दौरान लोकतंत्र को बंधक बना लिया गया था। इस दौरान जमकर तोड़फोड़ और गोलीबारी हुई थी। पुलिस की कार्रवाई में पांच लोगों की मौत हुई थी। हमले के दौरान संसद में बाइडन की जीत पर मुहर लगाने की प्रक्रिया चल रही थी। इस घटना की दुनियाभर में आलोचना हुई थी। संसद हमले में दो और लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इन दोनों की हमले के दौरान की तस्वीरें इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुई थीं। हमले वाले दिन 52 लोगों को पकड़ा गया था। एफबीआइ ने हमलावरों की पहचान के लिए लोगों से मदद मांगी है। इधर, डेमोक्रेट सांसदों ने लोगों से आग्रह किया है कि वे हमला संबंधी डाटा को सुरक्षित रखें।